Indore -Marriage of Kailash Vijayvargiya’s friend’s daughter : बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने स्वर्गीय मित्र की पुत्री का कन्यादान करके एक बार फिर साबित कर दिया कि वे एक अच्छे राजनेता से बढ़कर एक बहुत अच्छे इंसान भी है। मामला इंदौर का है और कैलाश विजयवर्गीय के 30 साल से मित्र रहे और हाल ही में इस दुनिया को अलविदा कह गए उनके मित्र की बेटी के विवाह से जुड़ा हुआ है।
यारों के यार कैलाश विजयवर्गीय
यारों के यार, इंदौर के और मध्यप्रदेश के भाई कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर मानवता को महिमामंडित किया है। अक्सर कैलाश विजयवर्गीय के उदारता और समाज सेवा के किस्से चर्चाओं में रहते हैं और ऐसे बहुत सारे घटनाक्रम हैं जिन्हें यदि कोई लिखने बैठे तो अध्याय पर अध्याय लिख जाएं। ऐसा ही एक वाकया इंदौर में हुआ। दरअसल इंदौर में होटल वृंदावन के मालिक प्रदीप सिंह रघुवंशी कैलाश विजयवर्गीय के 30 साल पुराने मित्र थे। उनके परिवार में कैलाश विजयवर्गीय को बड़े भाई का दर्जा प्राप्त था और उनके बच्चे उन्हें ताऊ कहते थे। हाल ही में प्रदीप की बेटी का विवाह होना था और उसकी तैयारियों में लगे थे। शादी के कार्ड बांटने शुरू हुए थे कि परिवार पर वज्रपात हुआ और 5 जनवरी को प्रदीप की एक जिम में कसरत करते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई। प्रदीप अक्सर कहा करते थे कि मैं अपनी बेटी की विदाई नहीं देख पाऊंगा। अब परिवार में दोहरी चुनौती थी। एक तो पिता के जाने का दुख सहते हुए सारे प्रबंध करना और दूसरा बेटी की शादी करना। ऐसे में ताऊ कैलाश विजयवर्गीय आगे आऐ। उन्होंने पंडितों से विचार-विमर्श किया और उसके बाद विधि विधान से सूतक समाप्त कराया गया। कैलाश ने न केवल शादी की पूरी जिम्मेदारी संभाली बल्कि बारातियों की आवभगत स्वागत सत्कार कर उन्हें न केवल भोजन परोसा बल्कि पत्नी के साथ कन्यादान भी किया। इस तरह अपनी मित्र की बेटी को उन्होंने मित्र के दुनिया में ना रहने के बावजूद धूमधाम से विदा किया। इंदौर सहित पूरे प्रदेश में यह वाक्या चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग कह रहे हैं कि वास्तव में कैलाश विजयवर्गीय जैसा रिश्ते निभाने वाला कोई नही।