लोकायुक्त पुलिस का डबल एक्शन, इंदौर में पटवारी ने मांगी रिश्वत, रीवा में तहसील का कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने एक पटवारी के विरुद्ध रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया है, ये मामला मोबाइल रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज हुआ है पुलिस आरोपी और शिकायकर्ता दोनों की आवाज की जाँच कराएगी फिर इसमें चालान पेश करेगी।

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और घूसखोरों पर नकेल कसने के लिए पूरे प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस एक्शन मोड में है, शिकायत मिलते ही उसकी जाँच की जाती है और साक्ष्य हाथ आते ही तत्काल आरोपी को रंगे हाथ दबोच लिया जाता है , इसी क्रम में लोकायुक्त पुलिस ने आज दो अलग अलग जिलों में रिश्वतखोरों पर एक्शन लिया है

लोकायुक्त पुलिस ने दो भ्रष्ट शासकीय सेवकों पर कड़ी कार्रवाई की है, एक के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है उसे कहीं से भनक मिल गई थी इसलिए उसने रिश्वत नहीं ली लेकिन रिश्वत मांगने का सबूत लोकायुक्त के पास आ गया और उसने एफआईआर दर्ज की है जबकि दूसरी कार्रवाई में आरोपी शासकीय सेवक रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है

लोकायुक्त एसपी कार्यालय इंदौर से मिली जानकारी के मुताबिक खंडवा नाका इंदौर निवासी लखन पाटनी ने शिकायती आवेदन दिया था जिसमें तहसील देपालपुर के देवराखेड़ी हल्का में पदस्थ पटवारी हल्का क्रमांक 39 सुनील परमार पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये गए थे।

रिश्वत नहीं दी तो घर आकर धमकी देने लगा पटवारी

आवेदक लखन पाटनी ने आवेदन में कहा कि मेरी ग्राम देवराखेड़ी, देपालपुर में कृषि भूमि है जिसका सीमांकन कार्य अप्रैल में हो चुका है। सीमांकन कार्य के पूर्व से ही पटवारी सुनील परमार द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी मेरे पास राशि की व्यवस्था नहीं होने से तब नहीं दे पाया था। उसने घर आकर डराना धमकाना शुरू कर दिया और मेरे नहीं मिलने पर पत्नी से मुझे फोन लगवाकर रिश्वत की मांग की।

पटवारी के खिलाफ लोकायुक्त ने दर्ज की एफआईआर 

डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि आवेदक ने फोन पर पटवारी से बात की तो उसने फोन पर ही बातचीत में 7000/- रुपये रिश्वत मांगी। यह मांग आवेदक ने फोन में मेमोरी कार्ड लगाकर रिकॉर्ड कर ली। इस बीच पटवारी को भनक लग गई कि उसकी शिकायत या तो की गई है या की जा सकती है तो उसने फोन पर बात करना बंद कर दी लेकिन फोन  रिकॉर्डिंग में 7000/- रुपये की रिश्वत की मांग स्पष्ट सुने दे रही है। इस पर साक्ष्य के आधार पर आरोपी तहसीलदार के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया जाकर विवेचना में लिया है।

रिश्वतखोर की लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत 

उधर लोकायुक्त एसपी रीवा योगेश्वर शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम गंगहरा पोस्ट सगरा थाना सगरा तहसील हुजूर जिला रीवा निवासी राजेश कुमार पांडे ने उनके कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया जिसमें राजस्व निरीक्षक कार्यालय नायब तहसीलदार, वृत बनकुईया तहसील हुजूर जिला रीवा में पदस्थ चैनमेन विनोद शुक्ला पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।

तहसील में पदस्थ कर्मचारी ने मांगी रिश्वत 

शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके द्वारा आराजी 245/1/3 एवं आराजी 24/4 के बीच ग्राम गंगहरा एवं ग्राम सगरा की सीमा से लगे हुए रास्ते को बंदकर कराए जा रहे निर्माण कार्य पर स्टे लगवाने हेतु आवेदन कार्यालय तहसीलदार तहसील हुजूर जिला रीवा में लगाया था। इस मामले में स्टे ऑर्डर करवाने के एवज में चैनमेन विनोद शुक्ला द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है।

चैनमेन रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार 

एसपी के निर्देश पर शिकायत के सत्यापन के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता से 3000 रुपए रिश्वत की मांग की जिसके बाद आज 10 जून 2025 को टीम गठित कर आरोपी चैनमेन विनोद शुक्ला को नायब तहसीलदार, वृत्त बनकुईया कक्ष, कलेक्ट्रेट परिसर जिला रीवा में 3000/- रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया ।

आरोपी पटवारी सुनील परमार
आरोपी पटवारी सुनील परमार
आरोपी चैनमेन विनोद शुक्ला
आरोपी चैनमेन विनोद शुक्ला

इंदौर से शकील अंसारी और रीवा से ब्यूरो रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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