45000 रुपये की रिश्वत ले रहा था सामाजिक न्याय विभाग का क्लर्क, लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा

महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देश पर प्रदेश की लोकायुक्त इकाइयाँ लगातार एक्शन ले रही हैं आज इंदौर इकाई ने अलीराजपुर में एक क्लर्क को 45000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है

Atul Saxena
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Lokayukta Police Indore Action : घूसखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश और एक्शन के बाद भी भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी अधिकारी रिश्वत लेने से डर नहीं रहे, लेकिन लोकायुक्त की नजर से भी बच नहीं पा रहे, इसी क्रम में एक क्लर्क 45000 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ है।

इंदौर लोकायुक्त एसपी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चन्द्रशेखर आजाद आदिवासी ग्रामीण दृष्टिहीन पुनर्वसन केन्द्र भाबरा जिला अलीराजपुर में पदस्थ प्रशिक्षक अभिनव दाण्डेकरने शिकायती आवेदन दिया कार्यालय में दिया था जिसमें  कार्यालय उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निशक्त विभाग, (जिला पंचायत भवन परिसर) जिला अलीराजपुर में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 अलताफ खान पर रिश्वत मांगने के आरोप थे।

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एरियर की राशि का भुगतान करने के बदले मांगी 45000 रुपये की रिश्वत  

शिकायत में अभिनव दाण्डेकर ने बताया कि उसके पिता चन्द्रशेखर आजाद आदिवासी ग्रामीण दृष्टिहीन पुनर्वसन केन्द्र भावरा जिला अलीराजपुर में वार्डन के पद पर पदस्थ थे जो वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हुये थे। उनका 24 मई 2022 को स्वर्गवास हो चुका है। पिता के छठे वेतनमान एरियर राशि लगभग 9,36,554/- रुपये स्वीकृत होकर जिला कार्यालय में भुगतान हेतु लंबित है। जिला कार्यालय में पदस्थ बाबू अलताफ खान द्वारा एरियर का भुगतान किये जाने के एवज में 5 प्रतिशत राशि के हिसाब से 45,000/- रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है।

रिश्वत हाथ में लेते ही लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को दबोचा 

शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने जाँच कराई और फिर रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर ट्रेप प्लान की, आज 27 फरवरी को ट्रेप दल का गठन किया गया और आरोपी क्लर्क अलताफ खान को आवेदक अभिनव दाण्डेकर से 45,000/- रुपये रिश्वत राशि लेते हुये रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण 2018 की धारा 7 के अंतर्गत कार्यवाही जारी है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट 

45000 रुपये की रिश्वत ले रहा था सामाजिक न्याय विभाग का क्लर्क, लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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