फ्रेंचाइजी देने का वादा किया, डील के बाद नहीं भेजे इलेक्ट्रिक स्कूटर, डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि व्यापारी विनीत व्यास जब पुणे गये तो वहां ना कपिल मिला और नहीं उसकी कंपनी, पूछताछ में मालूम चला कि वो इसी तरह कई व्यापारियों को धोखा दे चुका है ।

Indore News : इंदौर के एक ई वी स्कूटर शोरूम व्यापारी के साथ करीब डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, पुणे की इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी के नाम से कई शैल कंपनियां खोलकर एजेंसी देने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है। क्राइम ब्रांच ने शहर के ऑटोमोबाइल कारोबारी की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है

एडिशन ल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर शहर के ई स्कूटर शोरूम व्यापारी विनीत व्यास ने पुणे की कंपनी के मालिक कपिल शेल्के के खिलाफ धोखाधड़ी किए जाने का मामला क्राइम ब्रांच में  दर्ज करवाया है। व्यापारी ने शिकायत में कहा है कि आरोपी कपिल शेल्के ने इंदौर में शोरूम की फेंचाइजी देने और गाड़िया सप्लाय करने के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।

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एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया ऑटोमोबाइल कारोबारी विनीत व्यास जो इंदौर में शुभ मोबिलिटी के नाम से शोरूम संचालित करते है उन्होंने कपिल चंद्रकांत शेल्के के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। कपिल शेल्के पुणे की ई वी बनाने वाली कंपनी लाइकेन इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं और उन्होंने विनीत के साथ डील की विनीत ने उन्हें कैश भी ट्रांसफर किया।

स्कूटर भेजने का ऑर्डर दिया तो बंद कर लिया फोन  

पुलिस ने बताया कि डील के आधार पर विनीत ने अपने शोरूम में जरूरी परिवर्तन किये जिसपर भी हजारों रुपये खर्च किये और जब उसने कंपनी मालिक कपिल शेल्के को स्कूटर की डिलीवरी देने के लिए कहा तो उन्होंने कोई रिस्पोंस नहीं दिया उल्टा फोन बंद कर लिया।

कई व्यापारियों के साथ कर चुका है धोखाधड़ी 

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि शुरुआती जाँच में मालूम चला है कि कपिल कई और व्यापारियों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है पुलिस ने विनीत की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया है आरोपी की तलाश की जा रही है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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