इंदौर, डेस्क रिपोर्ट
एक तरफ जहां उपचुनाव(By-election) को लेकर तैयारियां जोरों पर है। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक गलियारों में भी शोर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन नए नए नए मुद्दे सामने आ रहे हैं। एक तरफ जहां विपक्ष(opposition) लगातार सत्ता पक्ष में निशाना बनाए हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी(BJP) कांग्रेस(Congress) पर पलटवार कर रही है।इसी बीच अब मतदाता सूची(voter’s list) में फर्जी नामों(Fake names) को लेकर एक मामला उजागर हुआ है। जिसकी शिकायत कांग्रेस ने जिला निर्वाचन अधिकारी(District Election Officer) राज्य निर्वाचन आयोग(State election commission)सहित मुख्य निर्वाचन आयोग(Chief Election Commission) को कानूनी नोटिस भेजकर की है।
दरअसल सांवेर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बड़ा मामला खोल दिया है। विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में 3000 फर्जी नामों के होने की बात कही गई है। कांग्रेस ने इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई थी लेकिन अब तक कोई कार्यवाही ना होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग और उनके अधिकारियों को कांग्रेस द्वारा कानूनी नोटिस भेजा गया है। सांवेर से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू(premchand guddu) ने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि शिकायत के बाद मतदाता सूची के फर्जी नामों को हटा दिया जाएगा लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने के बाद हमें कानूनी नोटिस जारी करना पड़ा।उन्होंने यह भी कहा है कि उपचुनाव की तारीख की घोषणा कभी भी हो सकती है और मतदाता सूची से फर्जी नामों को हटाने में समय लगता है। इस कारण से लगता है कि अब इस मामले में भाजपा द्वारा आयोग पर दबाव बनाया जा रहा है।
सर्वे में मामला उजागर
ज्ञात हो कि पिछले दिनों जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सांवेर विधानसभा क्षेत्र से मतदाता सूची का प्रारूप को प्रकाशित किया गया था। प्रकाशित प्रारूप के अनुसार कांग्रेस ने सांवेर के पूरे क्षेत्र में सर्वे किया था। जिसके बाद मतदाता सूची में 3000 नामों को फर्जी करार दिया गया था। कांग्रेस का कहना है कि फर्जी नामों में उन लोगों के भी नाम शामिल है जो या तो विधानसभा क्षेत्र छोड़ कर चले गए हैं या फिर उनकी मृत्यु हो चुकी है।
कांग्रेस करेगी कानूनी कार्रवाई
कांग्रेस के इंदौर जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव(sadashiv yadav) ने इस मामले में इंदौर जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और मुख्य निर्वाचन आयुक्त, दिल्ली को नोटिस जारी किया है। कांग्रेसी द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि उप चुनाव से पहले इस पर कार्यवाही होनी चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है और उस पर उपचुनाव कराने के प्रयास किए जाएंगे तो कांग्रेस कानूनी कार्रवाई के लिए भी तैयार है।
बता दें कि सांवेर विधानसभा क्षेत्र से 2008 में कांग्रेस के टिकट पर सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट विधायक बने थे।मार्च 2020 में तुलसी सिलावट(Tulsi silawat) के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद से यह सीट खाली है और यहां पर उपचुनाव होना है। जिसके बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है।