मप्र पॉल्यूशन बोर्ड इंदौर ने दिए उद्योगों को सख्त निर्देश, बिना ईटीपी के छोड़ा गंदा पानी तो होगी कार्यवाही

मध्य प्रदेश पॉल्यूशन बोर्ड इंदौर ने सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र की 60 प्लास्टिक रिसाइकल कंपनियों के प्रतिनिधियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलवाई गई। पढ़ें विस्तार से...

Indore News : मध्य प्रदेश पॉल्यूशन बोर्ड इंदौर के साथ 15 मई को प्लास्टिक रिप्रोसेस ग्रेन्यूल्स एसोसिएशन की मीटिंग हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री का मिशन लाइव स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट के बारे में चर्चा की गई। वहीं, पॉल्यूशन बोर्ड के रीजनल मैनेजर ने बताया कि हम जो दूषित पानी बाहर छोड़ रहे हैं या फिर अपने ड्रेनेज लाइन में मिला रहे हैं उसे बिना ईटीपी के ना छोड़े। अन्यथा मजबूर होकर हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी। इसके लिए सभी उद्योगों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र की 60 प्लास्टिक रिसाइकल कंपनियों के प्रतिनिधियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलवाई गई।

मप्र पॉल्यूशन बोर्ड इंदौर ने दिए उद्योगों को सख्त निर्देश, बिना ईटीपी के छोड़ा गंदा पानी तो होगी कार्यवाही

लाइनों की कराई जाए सफाई- सचिव

वहीं, बैठक में अध्यक्ष गुरवीर सिंह ने भी सभी से निवेदन किया कि अपने उद्योग का गंदा पानी ईटीपी लाइन में छोड़े। यदि कोई उद्योगपति ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जबकि सचिव रुचिल दोषी ने कहा कि नगर निगम से निवेदन है कि पहले ईटीपी की सारी लाइनों की सफाई करवाई जाए। जिससे कई जगहों पर चौकिंग की समस्या आ रही है, उसका हल हो सके क्योंकि जब से यह लाइनें डाली गई है इसकी सफाई नहीं हो पाई है। इसलिए इस बात पर भी गौर फरमाया जाए।

मप्र पॉल्यूशन बोर्ड इंदौर ने दिए उद्योगों को सख्त निर्देश, बिना ईटीपी के छोड़ा गंदा पानी तो होगी कार्यवाही

अध्यक्ष ने दी समझाइश

आईपीपीएफ के अध्यक्ष सचिन बंसल ने कहा, सभी प्लास्टिक रिप्रोसेस ग्रेन्यूल्स एसोसिएशन के सदस्य अपना ईटीपी प्लांट लगाएं। साथ ही, EPR के लिए सभी को रजिस्ट्रेशन करने की समझाइश दी। दरअसल, सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में प्लास्टिक रिसाइकल करने वाली कंपनियों का ड्रेनेज लाइन में पानी को उपचारित करने के बिना छोड़ना और उसमें प्लास्टिक का कचरा जमा होना अत्यंत चिंताजनक है। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में पानी प्रदूषित हो रहा है, जिससे पर्यावरण को हानि पहुंच रही है।

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फैक्टरियों की होगी आकस्मिक जांच

बता दें कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हर 15 दिनों में फैक्टरियों की आकस्मिक जांच भी की जाएगी। इस दौरान अगर किसी प्लास्टिक रिसाइकल फैक्ट्री ने गंदा पानी सीवरेज लाइन में छोड़ा है तो उस कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।