इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 (State Service Preliminary Exam 2019) के रिजल्ट अब तक घोषित नही किये गए जिसके चलते नाराज अभ्यर्थियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
दरअसल, नवंबर 2019 को एमपीपीएससी ने विज्ञापन जारी कर प्रारंभिक परीक्षा जनवरी 2020 में आयोजित कराई थी। जिसमे कुल 540 पद हैं और इनमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी से लेकर उपजेल अधीक्षक, नायब तहसीलदार जैसे तमाम प्रशासनिक अधिकारी संवर्ग के पद भी शामिल किए गए थे। हालांकि, प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जनवरी में ही घोषित किये जाने थे और शेड्यूल के अनुसार मार्च माह में मुख्य परीक्षा आयोजित की जानी थी वही जुलाई अगस्त में इंटरव्यू के बाद नियुक्ति के आदेश जारी होने थे लेकिन 8 माह बाद भी अब तक प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित नही किये गए है। परीक्षा में 3 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे और अधिकतर अभ्यर्थी नतीजे नही आने के बाद नाराज है और सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी प्रदेश में होने वाले आगामी उपचुनाव के बहिष्कार की बात कर विरोध जता रहे है। प्रदेश में 27 सीटो पर उपचुनाव होना है लेकिन अब तक परिणाम घोषित न होने से लाखों अभ्यर्थी नाराज है और वो लोक सेवा आयोग की लेटलतीफी को लेकर सवाल भी उठा रहे है।
इधर, इस मामले में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य चन्द्रशेखर रायकवार का बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने बताया कि आयोग केवल चयन प्रक्रिया आयोजित करता है वही वही रिक्तियां और आरक्षण का फार्मूला शासन की ओर से भेजा जाता है फिलहाल, आरक्षण प्रकरण विचाराधीन है और परिणाम मामले मे आयोग की ओर से देरी नही की गई है। जानकारी के मुताबिक 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर आपत्ति किन्ही पक्षों द्वारा ली गई है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है।