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Sun, Dec 21, 2025

इंदौर में ऑनलाइन गेम और फिर लोन ने ली स्टूडेंट की जान

Written by:Harpreet Kaur
Published:
इंदौर में ऑनलाइन गेम और फिर लोन ने ली स्टूडेंट की जान

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। ऑनलाइन गेम की लत ने फिर एक छात्र जितेंद्र की जान ले ली, घटना इंदौर की है जहां एक स्टूडेंट ने ऑनलाइन तीन पत्ती गेम के चक्कर में मौत को गले लगा लिया। जितेंद्र ने जहर खाने से पहले अपनी बहन को मैसेज करके इसकी जानकारी दी। बहन ने उसके रूम पार्टनर को फोन कर बताया। लेकिन दोस्त उसे जब तक अस्पताल ले जाते देर हो गई और अस्पताल में डॉक्टर ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। स्टूडेंट के पास सुसाइड नोट भी मिला है। बताया जा रहा है कि जितेंद्र को तीन पत्ती खेलने की इतनी लत लग गई थी कि उसने ऑनलाइन लोन ऐप के माध्यम से कर्ज ले लिया था। वह पूरा पैसा तीन पत्ती गेम में हार गया और जब उस पर अधिक कर्जा हो गया तो जहर खा लिया। पुलिस मोबाइल के आधार पर अब अन्य जानकारी भी जुटा रही है।

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जितेन्द्र ने जान देने से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसमें उसने लिखा कि सॉरी मां मैं बिगड़ गया हूं। मुझे माफ कर देना। मेरा मन न घर आने के लिए करता है और ना ही कहीं और जाने का। मुझसे घर की परिस्थितियां देखी नहीं जाती। जाऊं तो कहां जाऊं। न घर है ना जमीन। जो थी वह भी लोगों ने छीन ली। मैं अपने परिवार और दोस्तों से बहुत प्यार करता हूं, मुझे पैसों के लालच में जुआ खेलने की लत लग गई। मुझे लगा कि मैं ऑनलाइन गेम खेल कर पैसे जीत लूंगा और पापा-मम्मी के लिए जल्दी एक नया घर और गुजारा करने के लिए थोड़ी बहुत जमीन ले लूंगा, पर मैं पैसे नहीं जीत पाया, मेरी बहनों से मैं बहुत प्यार करता हूं। जितेंद्र के पास से मिले सुसाइड नोट में उसने कर्ज से परेशान होने की बात लिखी है। पुलिस की माने तो  छात्र जितेंद्र वास्कले पांच साल पहले इंदौर आया था। वह भंवरकुआ में किराए के मकान में रह रहा था। वह खरगोन जिले का रहने वाला था। उसके साथ कुछ अन्य साथी भी रहते थे। मृतक BA और PGDC की पढ़ाई के साथ ही सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी करता था। उसके पास सुसाइड नोट मिला है।

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आनलाइन गेम का कारोबार इस कदर छात्रों को अपना शिकार बना रहा है कि बाकायदा गेम खेलने वालो के लिए लोन की भी व्यवस्था की जाती है, इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती बस मोबाईल से ही केवाईसी दी जाती है जिसके बाद लोन मिल जाता है लें किश्त ना भरने पर लोन देने वाली कंपनी प्रताड़ित करने में कोई कोई कसर नहीं छोड़ती, जितेंद्र ने भी एक लाख का लोन लिया और उसने एक भी किश्त जमा नहीं की, लगातार उसे कंपनी के लोग किश्त भरने के लिए परेशान कर रहे थे और इसी के चलते उसने यह जानलेवा कदम उठाया लिया। जितेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में साफ लिखा है कि उसे ऑनलाइन गेम की लत लग गई थी। वह लगभग एक साल से ऑनलाइन गेम खेल रहा थ। गेम खेलने के लिए उसने निजी फाइनेंस कंपनी से एक लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था। लोन की किस्त नहीं चुकाने के कारण परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की जांच शुरू कर दी है। जितेंद्र ने जहर खाने से पहले उसकी बहन दिव्या को मैसेज भी भेजा था। फिलहाल पुलिस मामलें में जांच कर रही है।