इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में इंदौर के निहालपुरा मुंडी में पांच दिन पहले ट्राली बेग में मिली अधजली लाश के मामले में चौकानें वाला खुलासा हुआ है, दरअसल पत्नी ने ही अपने पति को मौत के घाट उतार दिया और फिर इस शव को लेकर मुंबई के कल्याण से इंदौर ठिकाने लगाने मृतक की बेटी और दामाद पहुंचे, पुलिस के लिए चुनौती बने इस मामलें में लाश की पहचान को लेकर पुलिस की टीम मुंबई तक पहुंच गई। इंदौर से मुंबई के बीच कैमरों के फुटेज तलाशे गए तब कही जाकर मामला सुलझ पाया।
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दरअसल पाँच दिनों पहले इंदौर के निहालपुरा में बैग में एक अधजली लाश मिली थी जिसके बाद पुलिस ने इस मामलें में जब पड़ताल की जो कहानी सामने आई उसने पुलिस को भी चौंका दिया, पुलिस के अनुसार 10 अप्रैल की सुबह उनकी टीम को सूचना मिली थी कि राजेन्द्र नगर के निहालपुरा मुंडी में ट्रॉली बैग में एक शव पड़ा है। लाश को किसी ने पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की है। हालांकि शव ऐसी हालत में था कि उसकी पहचान करना मुश्किल था, पुलिस ने शव की पहचान करने की कोशिश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली इसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड की तह तक पहुंचने के लिए रातभर के सीसीटीवी फुटेज निकाले गए। इसमें एक कार पहले एबी रोड पर महाराष्ट्र की ओर से आती हुई और फिर देर रात साढे़ तीन बजे वही गाड़ी मांगलिया टोल नाके पर दिखी। कैमरों की तलाश करते हुए पुलिस भोपाल के महाराणा प्रताप नगर स्थित सिग्नेटिक ब्लू होटल पर पहुंची। होटल में जब इस कार के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि कार मालिक उमेश पुत्र राजेश शुक्ला निवासी ओसियानिया आर-10 कल्याण महाराष्ट्र का है, जो इस होटल में अपनी पत्नी सहित ठहरा हुआ था। उसे हिरासत में लेकर पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
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दामाद ने पुलिस को बताया कि 9 अप्रैल को उसके 75 साल के ससुर संपतलाल मिश्रा और 68 साल की सास राजकुमारी के बीच कहासुनी हो रही थी। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि अचानक सास ने धक्का मारकर कपड़े धोने की मोगरी ससुर संपतलाल के सिर में दे मारी। जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पति को मृत हालत में देखकर सास घबरा गई उन्होंने तुरंत बेटी नम्रता को फोन कर जानकारी दी। बेटी और दामाद दोनों घर पहुंचे। जिसके बाद तीनों ने शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया और फिर उन्होंने शव को एक ट्रॉली बेग में भरा और महाराष्ट्र से इंदौर लेकर आ गए। यहां उन्होंने ओवरब्रिज के पास ट्रॉली बेग सहित लाश को जला दिया। इसके बाद वह मांगलिया होते हुए भोपाल निकल गए। मृतक का कोई बेटा नहीं होने के कारण वे मुंबई में अपनी बेटी के पास ही रहते थे। दामाद उमेश निजी कंपनी में सीनियर इंजीनियर है। जबकि बेटी भी निजी कंपनी में काम करती है।
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पुलिस के लिए यह केस चुनौती बन गया था जिसे सुलझाने टीमें गठित की गई उसके बाद इलाके के तमाम सीसीटीवी केमरे छाने गए, बताया जा रहा है कि मृतक संपतलाल मूलत: कटनी के रहने वाले थे। अकसर उनका पत्नी से विवाद होता रहता था लेकिन 9 अप्रैल के विवाद ने उनकी जान ही ले ली, उसके बाद उनके दामाद और बेटी ने ही उनके शव को ठिकाने लगाने के लिए यह साजिश रची, हैरानी की बात है कि मुंबई से इंदौर तक का सफर इस दंपति ने कार से तय किया और शव को ट्रॉली बैग में भरकर गाड़ी की डिग्गी में डाला लेकिन कही भी इस दौरान चेकिंग में वह पकड़े नहीं गए।