इंदौर पहुंचे पीएल पुनिया बोले, नोटबंदी को अभी तक बर्दाश्त नही कर पाई अर्थव्यवस्था

 इंदौर|  आज से 3 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली सरकार के समय एक ऐसा फैसला लिया था जिससे समूचा हिंदुस्तान हिल गया। दरअसल, आज ही के दिन याने 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 व 1000  के नोट को बंद करने का यकायक फैसल लिया था। पीएम के फैसले के बाद आम जनता की लंबी लंबी कतारें अपने पुराने नोटो को बदलवाने के लिए महीनों तक लगी हुई थी। मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले का असर ये था कि देशभर के बैंकों और एटीएम में लंबी कतारें लगी जिसमे राहुल गांधी भी मौजूद थे। हालांकि ये बात ओर है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटबंदी को लेकर ना तो राहुल गांधी को फायदा मिला और ना ही कांग्रेस को। बावजूद इसके कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता आज भी इतिहास की इस तारीख को काला मानकर पीएम मोदी के फैसले को देश के विकास में एक बडी बाधा मानते है। नोटबंदी के 3 साल पूरे होने के एक दिन पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने इंदौर में पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा और तत्कालीन सरकार के फैसले को गलत बताया।

कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने इंदौर में कहा कि 8 नवम्बर 2016 के उस क्षण के बाद 500 का नोट, 1 हजार का नोट अब रद्दी का टुकड़ा बन गए है और उसके बाद मोदी उसी रात को जापान जाते है और जापान में हिंदुस्तानियों का मजाक उड़ाते है। मोदी का ये कदम ऐसा बगैर सोचा समझा हुआ कदम था जिसके परिणाम आज भी हम भुगत रहे है। अर्थव्यवस्था नोटबंदी को अभी तक बर्दाश्त नही कर पाई है। जबकि देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व विख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उसी समय कहा था यह एक ऐसा कदम है जिसके परिणाम गम्भीर होंगे और कम से कम 2 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ नीचे चली जायेगी और वास्तव में जीडीपी ग्रोथ नीचे गई। पूर्व पीएम ने कहा है कि जीडीपी ग्रोथ नीचे जाने से लग रहा है कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने का प्रभाव अभी खत्म नही हुआ है। पीएल पुनिया ने कहा कि आज देश ऐसे लोगो के हाथ मे है जिन्हें अर्थव्यवस्था की हालत का जायजा और  गिरती अर्थव्यवस्था का इलाज सोचने समझने की क्षमता नही है और उसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ रहे है। वही पुनिया ने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के बाद 50 दिन मांगे थे  लेकिन आज भी आम आदमी पर टैक्स का बोझ लदा हुआ है और बड़े औद्योगिक घरानों को सरकार राहत दे रही है। इंदौर में ना सिर्फ नोटबन्दी बल्कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था सहित कई मुद्दों पर उन्होंने केंद्र पर निशाना साधा।


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