इंदौर। मध्य प्रदेश में लगातार पुलिस द्वारा रिश्वत लेने के मामले उजागर हो रहे हैं। जिससे पूरे विभाग की छवि खराब हो रही है। साथ ही आला अफसरों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस की छवि सुधारने और रिश्वत के मामले पर लगाम लगाने के लिए डीआईजी ने सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने बदनाम पुलिसवालों की संपत्ति की जांच करवाना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर एसपी ने भी एक फरमान जारी कर साफ कर दिया है कि अगर किसी भी थाने का पुलिसवाला रिश्वत के मामले में पकड़ा जाता है तो इसके जिम्मेदार संबंधित थाने का थाना प्रभारी होंगे।
एसपी के इस आदेश के बाद से इंदौर पुलिस में हड़कंप मच गया है। एसपी (पश्चिम) अवधेश गोस्वामी ने मीडिया को बताया कि हाल ही में लोकायुक्त ने सिमरोल थाने में पदस्थ सिपाही विजेंद्र धाकड़ और सैनिक दीपक पटेल को गिरफ्तार किया था। लोकायुक्त ने जांच में थाना प्रभारी आरके नैन को भी दोषी पाया और आरोपित बना दिया। इसके बाद मानपुर में छापा मारा और सिपाही राजीव कुमार को रिश्वत लेते पकड़ लिया।