Indore News : पुलिस ने उठाया नवरसों का आनंद, ठहाकों से गूंज उठा रवींद्र नाट्य गृह

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे।  मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore News) में सोमवार रात को कुछ ऐसा हुआ कि धीर गंभीर रहने वाली खाकी की हंसी रुक नहीं पाई। दरअसल, इंदौर के रवींद्र नाट्य गृह में काव्य रसों से सजी शाम में पुलिस (Indore Police)जवान व अधिकारियों ने हास्य और व्यंग्य से लेकर वीर रस की कविताओं पर जमकर तालियां भी बजाई। मौका था इंदौर पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन का।

कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय कवि शंभू शिखर (Shambhu Shikhar) ने कविताओं के मधुर रसों से कवि सम्मेलन में समां बांध दिया। उन्होंने पुलिस के लिए पढ़ते हुए कहा कि सबको लगता है मै सो गया हूं, लेकिन वतन का हो गया हूं।

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इस मौके पर प्रशासनिक होमगार्ड डीजी पवन जैन ने भी अपनी कविताओं के जरिए पुलिस द्वारा की जाने वाली और देशभक्ति और जनसेवा को अलग अंदाज में पेश किया।

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आईजी हरियानारायणा चारी मिश्र और डीआईजी मनीष कपूरिया ने राष्ट्रीय कवि शंभू शिखर और डीजी पवन जैन का शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।

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राष्ट्रीय कवि शंभू शिखर ने बताया कि पुलिस परिवार से मेरा पुराना नाता है, मेरे परिवारजन पुलिस सेवा में हैं। मैंने पुलिस के परिश्रम और ड्यूटी को करीब से देखा है, जहां हर त्योहारों पर अपने परिवार से दूर रहकर अपनी देनी सेवाएं देते हैं।

सोमवार की शाम का नजारा और यादें पुलिस परिवार के जेहन में हमेशा के लिए रच बस गई है और आगे भी इस तरह के आयोजन की वकालत पुलिस अधिकारियो ने की ताकि स्ट्रेस से भरी जिंदगी में कुछ देर के लिए ही सही लेकिन ताजगी होनी चाहिये।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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