एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने देशभर में सात लाख से अधिक निवेशकों को कॉल सेंटर के जरिए फोन लगाकर शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली कंपनी का पर्दाफाश किया है। टीम ने इंदौर की एडवाइजरी कंपनी के ऑफिस पर सोमवार शाम छापा मारा। कंपनी में लगभग 100 कर्मचारी कार्यरत है ,जो फोन लगाकर लोगों के साथ ठगी करते थे। कार्रवाई के दौरान कंपनी के ऑफिस को सील कर दिया गया।कार्रवाई के बाद से ही हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार निवेश के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वालों की धरपकड़ के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई गई थी। इस एसआईटी ने सोमवार को इंदौर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। सोमवार को मंगल सिटी कॉम्पलेक्स स्थित ट्रेड इंडिया रिसर्च एडवायजरी पर छापा मारा गया। जम्मू कश्मीर में पदस्थ सेना के जवान राजेन्द्र सिंह ने इस फर्म द्वारा लाखों रुपए की ठगी किए जाने की शिकायत की थी।कॉल सेंटर के जरिए कंपनी ने सेना के जवान से शेयर मार्केटिंग में निवेश करवाकर दो गुना मुनाफा देने का झांसा देकर 23 लाख रुपए ठग लिए थे।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, चार वर्षों से कंपनी संचालित हो रही थी। कंपनी में करीब तीन सौ कर्मचारी काम करते थे। ये अब तक सात लाख लोगों को फोन लगा चुके हैं। 26 हजार से अधिक ग्राहकों से कंपनी ठगी कर चुकी है। कर्मचारी फेसबुक,लिंक्डइन, जी प्लस और गूगल प्लस के जरिए ग्राहकों से संपर्क करते थे। । फेसबुक पर लड़कियों के नाम पर फर्जी प्रोफाइल तैयार की जाती थी। कंपनी के पास लाखों उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर मिले हैं। पुलिस ऑफिस से मिले कम्प्यूटर और दस्तावेजों की जांच कर रही है। कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। कंपनी की मालकिन नेहा गुप्ता के खिलाफ भी जांच के बाद कार्रवाई होगी।
पुलिस के अनुसार कंपनी के ऑफिस को सील कर उसके संचालकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 417, 468 और 474 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके साथ ही आईटी एक्ट की धारा 66 सी और डी के तहत भी केस दर्ज किया गया है। फिलहाल कंपनी के संचालकों के नाम सामने नहीं आए हैं।पुलिस महानिदेशक इन्दौर जोन वरुण कपूर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रुचि वर्धन मिश्रा व पुलिस अधीक्षक पूर्व मो युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में प्रारंभिक छानबीन में कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं।