इंदौर । शिवराज सरकार में पर्यटन एवं संस्कृत मंत्री रहे और भोजपुर विधानसभा से बीजेपी के विधायक सुरेंद्र पटवा की बैंक लोन मामले में मुश्किलें बढ़ गई है| कोर्ट ने पूर्व मंत्री पटवा को पासपोर्ट सरेंडर करने और विदेश जाने के पहले अदालत से अनुमति लिए जाने का आदेश दिए हैं| इंदौर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह आदेश दिए हैं|
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा को देश से बाहर जाने के संबंध में पहले अदालत की अनुमति लेना होगी। पटवा सहित अन्य को बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा विलफुल डिफाल्टर घोषित किए जाने से संबंधित मामले में कोर्ट ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने पटवा को डिफाल्टर घोषित किए जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। पटवा जो कि मैसर्स पटवा ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों में से हैं के विरुद्ध बैंक ऑफ बड़ौदा ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित करते हुए ऋण वसूली का मांग की थी। इसके विरोध में पटवा ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित नहीं किए जाने को लेकर एक याचिका इंदौर उच्च न्यायालय की खंडपीठ में दायर की थी जिस पर न्यायाधीशद्वय की युगल पीठ ने फैसला दिया है|
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित किए जाने के मामले में स्थगन तभी मिलेगा जब वे और कंपनी के अन्य निदेशक अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे और विदेश जाने से पहले कोर्ट की अनुमति प्राप्त करेंगे। बैक की वसूली प्रकिया भी जारी रहेगी। पटवा की कंपनी पर बैंक के लगभग 35 करोड़ रुपए बकाया है। पटवा का इंदौर में शोरूम है और यहीं से ही उन्होंने बैंक लोन लिया था। पटवा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं और शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं| वर्तमान में भोजपुर विधानसभा से बीजेपी के तीसरी बार विधायक हैं| बैंक लोन का यह मामला लम्बे समय से चल रहा है|