इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। स्कूल शिक्षा विभाग ने 2022-23 सत्र शुरू होने के बाद 5वीं और 8वीं के बच्चों की बोर्ड परीक्षा करवाने का निर्णय लिए है। ऐसे में बच्चों की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों की पंजीयन प्रक्रिया की जा रही है। लेकिन अभी हाल ही में ये खबर आई है कि इंदौर के 90 से ज्यादा स्कूलों की मान्यता का प्रकरण उलझा हुआ है। ऐसे में अब बच्चों का भविष्य अमसंजस में है।
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बताया जा रहा है कि बीच सत्र में बोर्ड परीक्षा करवाई जा रही है ऐसे में कलेक्टोरेट और विभाग के बीच स्कूल संचालक झूल रहा है। इतना ही नहीं कुछ संचालकों ने तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा दिया है। जानकारी के मुताबिक, चल रही पंजीयन प्रक्रिया के बीच मापदंड पूरे नहीं करने पर जिलेभर 296 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है। लेकिन इसको लेकर इंदौर के कलेक्टर ने दोबारा जांच करने के लिए निर्देश दिए है क्योंकि संचालकों द्वारा आपत्ति जताई गई थी।
इस पर एडीएम राजेश राठौर को भी स्कूलों का पक्ष जानना था। हालांकि अब तक करीब 180 से ज्यादा स्कूलों का मामला सुलझ गया है लेकिन अभी 90 स्कूलों पर तलवार अब तक लटकी हुई है। क्योंकि इन 90 स्कूलों में करीब 8 हजार से ज्यादा छात्र छात्राएं 5वीं और 8वीं के पढ़ते हैं। जानकारी के मुताबिक, अगस्त में ही बच्चों की बोर्ड की परीक्षा करवाने को लेकर निर्देश दिए गए थे। ऐसे में 10 अक्टूबर से 25 नवंबर तक पंजीयन करवाना जरुरी था। लेकिन बाद में पंजीयन तारीख में बदलाव किया गया जिसके बाद तारीख 16 नवंबर कर दी गई। ऐसे में अभी भी प्रक्रिया चल रही है।