इंदौर/आकाश धोलपुरे
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (indore) की कोरोना से जंग जारी है। ऐसे में आर्थिक पहलू और लोगो की सुविधा को देखते कुछ आर्थिक गतिविधियों (financial activities) को शुरू किया जा चुका है> लेकिन जो लोग ये सोच रहे है कि 1 जून से शहर एकदम से खुल जायेगा, ऐसा कुछ नही होगा। क्योंकि शहर के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन एक तय योजना के तहत शहर को लॉक डाउन (lockdown) से राहत देगा।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (collector manish singh) ने शनिवार को कहा कि जो शहर को 31 मई के बाद एकदम से नही खोला जा सकता है। उन्होंने लोगो को स्पष्ट किया कि 31 मई के बाद शहर को नही खोला जाएगा, उसके बाद भी 15 से 20 दिन का समय लगेगा। दरअसल, इस दौरान प्रशासन कोरोना संक्रमण के फैलाव की स्थिति को देखेगा हालांकि इंदौर कलेक्टर ने ये भी साफ किया कि एकदम से तो शहर नही खुलेगा लेकिन स्थिति को देखकर धीरे धीरे शहर खोला जाएगा। यानि साफ है कि इंदौर को लॉक डाउन में कुछ समय और रहना पड़ेगा और कम से कम 20 जून तक का इंतजार करना पड़ेगा उसके बाद ही शहर पूरी तरह से खुलने की स्थिति में आ सकेगा।
इधर, विदेशों से फ्लाइट के जरिये आने वाले यात्रियों को भी इंदौर के अलग अलग होटलों में रोकने के बाद उन्हें प्रदेश के अन्य शहरो के लिए रवाना किया जाएगा। वही शहर में मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेसिंग (social distance) के नियम का पालन करने वालो पर अब प्रशासन ने नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इंदौर कलेक्टर ने इस मामले कहा कि कोविड नियमों का पालन नही करने वालो पर ऑन स्पॉट भारी फाइन (on spot fine) लगाया जाएगा। फिलहाल, इंदौर में कुछ आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी गई है और इसी लिहाज कुछ जरूरी मूवमेंट्स भी शुरू हो चुके है लेकिन शहरवासियों को अभी भी शहर के पूरी तरह से खुलने के लिए कुछ समय और लॉक डाउन में बिताना पड़ेगा।