इंदौर, आकाश धोलपुरे। भोपाल (Bhopal) से 8 साल पहले इंदौर (Indore) लाये गये एक टाइगर की मौत इंदौर प्राणी संग्रहालय में हो गई । जिसके बाद पूरे चिड़ियाघर (Zoo) में सन्नाटा पसर गया। दरअसल, किसी ने सोचा नही था कि हमेशा ज़ू में अटखेलियां कर धाहड़ता रहने वाला बी-1 टाइगर इस दुनिया को अचानक अलविदा कह देगा।
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बतादें कि 2003 में जन्मे टाइगर की मौत इंदौर के चिड़ियाघर में शनिवार शाम 4 बजे हो गई। दरअसल, बी- नामक टाइगर अपनी उम्र के 18 में से 17 साल 6 माह की उम्र पार कर चुका था। आज जब उसकी मौत हुई तो चिड़ियाघर में सन्नाटा पसर गया और कर्मचारियों में रोष देखा गया। दरअसल, 2003 में जन्मे टाइगर को भोपाल से 2013 में इंदौर ज़ू में लाया गया था। लेकिन उम्र की अधिकता ही टाइगर की जान की दुश्मन बन गई।
बताया जा रहा है कि वाइल्ड लाइफ एनिमल (wild life animal)की जब उम्र अधिक होने लगती है तो उसके साथी भी प्रकृति के अनुसार उसका साथ छोड़ने लगते है। कुछ ऐसा ही आज इंदौर में देखने को मिला। ज़ू में डॉक्टर्स और अधिकारियों की टीम पीएम रिपोर्ट के बाद असल वजह बता पाएगी।
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वही ज़ू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव की माने तो टाइगर को बी-1 नाम फारेस्ट विभाग ने दिया था। और वो पिछले कुछ दिनों खाना नही खा रहा था। जिसके चलते उसे कमजोरी आ गई थी। उन्होंने बताया का आमतौर पर अधिक उम्र होने के ये लक्षण होते है और वो अकेला पड़ गया था। लिहाजा, उसने खाना पीना छोड़ दिया। डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट और शरीर के अन्य अंगों के काम बंद कर देने की वजह से टाइगर की मौत हुई है। वहीं अब टाइगर की पीएम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
बी-1 टाइगर की हुई मौत, इंदौर के ज़ू में पसरा मातम#indorenews #indoreupdate #B-1TIGER pic.twitter.com/rwuzP6cGVW
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) June 12, 2021
बतादें कि इंदौर प्राणी संग्रहालय में टाइगर की मौत के बाद कर्मचारियों में मातम और शौक की लहर है। इसी बीच नम आंखों से टाइगर का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। ताकि किसी भी प्रकार के इंफेक्शन फैलने का खतरा न हो।