इंदौर। आकाश धोलपुरे। शुक्रवार शाम को इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में कोविड-19 मरीजों ने डिस्चार्ज किये जाने को लेकर बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। जानकारी के मुताबिक शाम को कोरोना की जंग में 31 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो रहे थे उसी दौरान अन्य पॉजिटिव मरीजो ने डिस्चार्ज करने की मांग को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया। पॉजिटिव मरीजो का शोर हंगामे में तब्दील हो गया और लगभग 1 घंटे तक स्थिति बेकाबू रही हालांकि पुलिस और प्रबंधन की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ और पॉजिटिव मरीज इलाज के लिए दोबारा अपने कमरों में गए।
अस्पताल में ही कोविड मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की आरोप लगाए कि अस्पताल प्रबंधन तय समय पर रिपोर्ट नही दे रहा है ऐसे में स्वस्थ होने के बावजूद वे डिस्चार्ज नही किये जा रहे है। जानकारी के करीब डेढ़ घण्टे चले अफरा-तफरी के माहौल के दौरान मरीज अपने वार्ड से निकलकर हाल में पहुंच गए और घर जाने को लेकर हंगामा करने लगे। हालात बिगडते देख प्रबन्धन ने पुलिस की सूचना दी जिसके बाद पुलिस की समझाइश और आश्वासन के चलते हंगामा खत्म हुआ।
मरीजों की मांग थी कि उन्हें डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है जबकि वह स्वस्थ हैं इस मामले को लेकर इंडेक्स हॉस्पिटल के चैयरमेन सुरेश सिंह भदौरिया ने एम.पी.ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि प्रबंधन की कोशिश यही रहती है कि हर कोविड पेशेंट को बेहतर इलाज मिले और जब नियमो के तहत पेशेंट की रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है तो उन्हें कुछ जरूरी जांचों के बाद डिस्चार्ज किया जाता है और कल 31 स्वस्थ लोगो को डिस्चार्ज किया जा रहा था उस दौरान 5 से 7 मरीज भी खुद को डिस्चार्ज करने की मांग करने लगे बाद में समझाईश के बाद मरीज शांत हुए। उन्होंने बताया कि अब तक कोविड इलाज के मामले में इंडेक्स का रिकॉर्ड बेहतर और यहां से 600 से ज्यादा लोग स्वस्थ होकर घर लौटे है जबकि 2 लोगो की मौत हुई है।
वही हंगामे पर नोडल ऑफिसर इंडेक्स हॉस्पिटल डॉ. सुधीर मौर्य ने बताया कि मरीजो की गलतफहमी के चलते सब कुछ हुआ है और उन्हें लगा कि नए नियमो के तहत जल्दी डिस्चार्ज किया जाना चाहिए लेकिन अस्पताल से कोविड नियमो के तहत पेशेंट की हालत स्थिर होने पर छुट्टी दी जा सकती है। लोगो को जब ये समझ आया तो फिर स्थिति सामान्य हो गई।