‘सज्जन शक्ति थाने आने से न घबराए..दुर्जन शक्ति की निर्भरता कम हो’ थाने के भवन लोकार्पण कार्यक्रम में बोलीं पूर्व मंत्री उषा ठाकुर

पूर्व मंत्री ने कहा कि आम आदमी को न्याय मिले। उसको किसी माध्यम के साथ आने की ज़रूरत न पड़े। सज्जन शक्ति थाने आने में घबराती है। दुर्जन शक्ति की निर्भरता कम हो। सज्जन शक्ति में सुरक्षा का भाव जागृत हो कि वो निर्भीकता के साथ पुलिस को आकर अपनी बात बता सके।

Usha Thakur vision for police reforms : पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा है कि आम आदमी पुलिस से डरने की बजाय सहज हो सके..इसके लिए पुलिस को पहल करनी होगी और ऐसे वातावरण का निर्माण करना होगा। महू के बरगोड़ा थाने के नए भवन के लोकार्पण अवसर पर उन्होंने कहा कि सज्जन व्यक्ति थाने आने से न डरे..ऐसी व्यवस्था निर्मित होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आम तौर पर ऐसा होता है कि सज्जन शक्ति थाने आने से घबराती है लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। उसे थाने आने के लिए किसी माध्यम की ज़रूरत न पड़े और उसके मन में सुरक्षा का भाव जागृत हो, ये ज़रूरी है।

‘सज्जन शक्ति को न्याय मिले’

उषा ठाकुर ने कहा कि ‘आम आदमी को न्याय मिले थाने पर। उसको किसी माध्यम के साथ आने की ज़रूरत न पड़े। मैं कहना चाहती हूँ कि सज्जन शक्ति थाने आने में घबराती है। तो दुर्जन शक्ति की निर्भरता कम हो। सज्जन शक्ति में सुरक्षा का भाव जागृत हो कि वो निर्भीकता के साथ पुलिस को आकर अपनी बात बता सके।’ महू में थाने के नए भवन का लोकार्पण करते हुए उन्होंने ये बात कही।

पूर्व मंत्री ने कहा कि आज से समय में न्याय प्रणाली में जो सुधार हुआ है, उसे बरकरार रखना ज़रूरी है। ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के साथ अपराधियों के ख़िलाफ़ सख़्त कदम उठाए जाने चाहिए वहीं आम आदमी के भीतर ये भरोसा होना चाहिए कि पुलिस सदैव उनकी मदद के लिए है। वो थाने आने से घबराएँ नहीं और निर्भीक होकर पुलिस से सहायता ले सकें..इस तरह का माहौल बनाना चाहिए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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