इंदौर।स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।
आज सुबह ऑफिस टाइम पर इंदौर के जीपीओ चौराहे पर लोगो ने एक ऐसा नजारा देखा जिसकी चर्चा शहर भर में फैल गई। दरअसल, इंदौर के रेसीडेंसी में रहने वाले कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव और निगम कमिश्नर आशीष सिंह ऑफिस पहुंचने के लिए पैदल ही घर से निकल पड़े। आप सोच रहे होंगे कि क्या दोनों अधिकारियों की सरकारी गाड़ी कही खराब तो नही हो गई लेकिन असल मे ऐसा नही है।
दरअसल, दोनों ही बड़े अधिकारियों ने लोक परिवहन से जुड़े साधनों की महत्ता आम जन को बताने के उद्देश्य से निर्णय लिया है कि अब सप्ताह में एक दिन वो सिटी बस या अन्य साधनों से सफर कर ऑफिस पहुंचेंगे। इसके लिए बकायदा शुक्रवार का दिन भी निर्धारित किया गया है। इंदौर जिला कलेक्टर लोकेश जाटव ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों से भी अपील की थी कि वो सप्ताह में एक ऑफिस आने व घर जाने के लिए लोक परिवहन का उपयोग करे।
इसके बाद जिला पंचायत सीईओ नेहा मीना, इंदौर नगर निगम डिप्टी कमिश्नर अदिति गर्ग, इंदौर एडीएम अजय देव शर्मा, डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार बालकृष्ण मौर्य एवं इंदौर जिला प्रशासन के अन्य समस्त अधिकारियों ने आज अपने घरों से अपने कार्यालय आने के लिए के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधन सिटी बस का उपयोग किया। एक दिन निजी व शासकीय वाहनों से दूर रहकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग के पीछे जिला कलेक्टर का उद्देश्य है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की महत्ता को लोग समझे और निजी वाहनों के बजाय उनका इस्तेमाल करे ताकि जगह जगह लगने वाले जाम की स्थिति पर काबू पाया जा सके।
अधिकारियों के बस में सफर करने के बाद यदि लोग सीख लेकर बस में सफर करते है तो बढ़ते इंदौर की आबादी के हिसाब से यातयात सुगम और इ प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। इतना ही नही जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शानो शौकत के लिहाज से बेहतर नही मानते है वो भी अधिकारियों के कदम से कही ना कही सीख लेंगे। कलेक्टर और निगम कमिश्नर सहित अधिकारियों व कर्मचारियों के बस में सफर करने की चर्चा शहर में अब बस जागने की जरूरत उन आम शहरवासियों को है जो किन्ही कारणों से लोक परिवहन के साधनों का उपयोग नही करते है।