International Day of Forests : हरियाली का जश्न मनाने का दिन, विश्व वानिकी दिवस पर पेड़ों को कहें ‘थैंक्यू’

पेड़ और जंगल हमारे जीवन का आधार हैं। क्या आप जानते हैं कि एक पेड़ हर साल लगभग 22 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है और बदले में इतनी ही ऑक्सीजन देता है जितनी दो इंसानों को सांस लेने के लिए चाहिए। दुनिया का सबसे पुराना जीवित पेड़ स्वीडन में है। जंगल जैव-विविधता के खजाने हैं..धरती की 80% से ज्यादा प्रजातियां जैसे जानवर, पक्षी और कीड़े इन्हीं में बसती हैं। मिसाल के तौर पर, अमेजन वर्षावन में लाखों प्रजातियां हैं, जिनमें से कई अभी तक अनजान हैं।

International Day of Forests : हम अपना जन्मदिन मनाते हैं, शादी की सालगिरह, बहुत सारे त्योहार धूमधाम से मनाते हैं और भी तमाम खास मौके पर जश्न होता है। लेकिन क्या कभी हम पेड़ों को सेलिब्रेट करते हैं ? सुनने में कुछ अटपटा लग सकता है लेकिन पेड़ ही तो हैं जिनके कारण प्राणवायु है। पेड़-पौधे ही तो हैं जिनके कारण भोजन है। पेड़ ही तो हैं जिनकी छाया और हरीतिमा हमारे जीवन को सौंदर्य और सुकून देती हैं। तो क्यों ने किसी दिन पेड़ों का जन्मदिन भी मनाया जाए।

आज वही दिन है जब हम पेड़ों का..यानी जंगलों का जश्न विश्व वानिकी दिवस के रूप में मनाते हैं। हर साल 21 मार्च को दुनियाभर में लोगों को जंगलों और पेड़ों के महत्व के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से ये दिन मनाया जाता है। आज के दिन सीएम मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर लिखा है कि ‘वन है, तो हम हैं… वन केवल हरियाली नहीं, बल्कि पृथ्वी के फेफड़े और असंख्य जीवों का आश्रय स्थल भी हैं, जो हमें शुद्ध हवा, जल संतुलन और जैव विविधता का उपहार देते हैं। आइये, विश्व वानिकी दिवस पर हम न केवल अधिक से अधिक पौधे लगाएं, बल्कि वनों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लें।’

क्यों ज़रूरी हैं जंगल

जंगल धरती के फेफड़े होते हैं। वे कार्बन डाइऑक्साइड सोखकर हमें ऑक्सीजन देते हैं। यानी पेड़ हमें सांस देते हैं। इसके अलावा, लाखों जीव-जंतु और पक्षी जंगलों में बसेरा करते हैं। जंगल बारिश लाने में मदद करते हैं, मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और बाढ़ या सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पृथ्वी को बचाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। हम पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।

विश्व वानिकी दिवस आज

21 मार्च को पूरी दुनिया में विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। ये दिन पेड़ों की अहमियत को समझने और जंगलों को बचाने का संदेश देता है। आसान शब्दों में कहें तो ये एक ऐसा मौका है जब हम सब मिलकर प्रकृति को थैंक्यू कहते हैं और अपने आप से पेड़ लगाने और जंगलों के संरक्षण में अपना योगदान देने का वादा करते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य सिर्फ जागरूकता फैलाना नहीं, बल्कि लोगों को पेड़ लगाने और वनों की रक्षा के लिए प्रेरित करना भी है।

विश्व वानिकी दिवस का इतिहास 

विश्व वानिकी दिवस मनाने का विचार सबसे पहले 1971 में सामने आया था। उस साल यूरोपीय कृषि परिसंघ (European Confederation of Agriculture) की 23वीं बैठक में पेड़ों और जंगलों की घटती संख्या पर चिंता जताई गई। दुनिया भर में वनों की कटाई तेजी से बढ़ रही थी जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा था। इसे देखते हुए 21 मार्च को “विश्व वानिकी दिवस” के रूप में मनाने का फैसला लिया गया। बाद में, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने भी इस पहल को सपोर्ट किया। फिर 28 नवंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर 21 मार्च को “अंतरराष्ट्रीय वन दिवस” घोषित कर दिया। 2013 से ये दिन पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। इसका उद्देश्य सिर्फ जागरूकता फैलाना ही नहीं, बल्कि लोगों को पेड़ लगाने और वनों की रक्षा के लिए प्रेरित करना भी है।

इस साल की थीम

इस बार विश्व वानिकी दिवस की थीम है जंगल और भोजन (Forests And Foods)। ये हमें बताती है कि जंगल सिर्फ पेड़ों का समूह नहीं हैं बल्कि हमारे खाने, सेहत और जिंदगी को बेहतर बनाने का बड़ा जरिया हैं। आसान शब्दों में कहें तो जंगल हमारे लिए खाने की थाली तैयार करते हैं, हमें पौष्टिक चीजें देते हैं और लोगों को रोजगार भी मुहैया कराते हैं। जंगल फल, सब्जियां, मेवे और औषधियां उगाते हैं। इसके अलावा, ये मिट्टी को मजबूत करते हैं, ताकि खेती अच्छी हो सके। तो क्यों न आज के दिन हम भी एक अच्छी शुरुआत करें और पेड़ों को संरक्षित करने का संकल्प लेते हुए एक पौधा लगाएं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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