मध्यप्रदेश के लोकायुक्त पुलिस संगठन के लिए जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने एक अहम निर्देश जारी किया है, जिसके तहत किसी भी एफआईआर के दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर उसे लोकायुक्त पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। दरअसल यह निर्णय एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का भी उल्लेख किया गया है।
दरअसल यह आदेश भोपाल के एक आरटीआई कार्यकर्ता, राजेन्द्र सिंह द्वारा दायर की गई याचिका के संदर्भ में दिया गया है। जानकारी के अनुसार राजेन्द्र सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि लोकायुक्त पुलिस ने पीडब्लूडी के कार्यकारी इंजीनियर सुरेश चंद्र वर्मा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी उन्हें नहीं दी। वहीं वर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जब राजेन्द्र सिंह ने एफआईआर की कॉपी मांगी और उन्हें इनकार किया गया, तो उन्होंने यह याचिका दाखिल की थी।
24 घंटे के भीतर एफआईआर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करना होगा
बता दें कि हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि लोकायुक्त पुलिस को हर एफआईआर दर्ज होने के बाद 24 घंटे के भीतर उसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करना चाहिए। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का हवाला दिया है। दरअसल पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लोकायुक्त पुलिस के लिए इस आदेश का पालन करना आवश्यक होगा। वहीं इससे न केवल सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जानकारी प्राप्त करना आसान होगा, बल्कि यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राजेन्द्र सिंह की याचिका को कोर्ट ने किया खारिज
दरअसल राजेन्द्र सिंह की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया, यह मानते हुए कि याचिका में व्यक्तिगत स्वार्थ थे, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है। वहीं इसके बावजूद, हाईकोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को निर्देश दिया है, कि वे हर एफआईआर को 24 घंटों के भीतर सार्वजनिक करें। यह आदेश भविष्य में ऐसी स्थितियों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है।