जबलपुर, संदीप कुमार। आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) के तहत प्रदेश में सिर्फ 25 प्रतिशत लोगों के पास कार्ड है। सरकार (government) पात्र लोगों के कार्ड बनाने में रूचि नहीं दिखा रही है। हाईकोर्ट (highcourt) के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ (Bench of Chief Justice Sanjay Yadav and Justice Vijay Kumar Shukla) ने कोर्ट मित्र अधिवक्ता द्वारा पेश की गई जानकारी को गंभीरता से लेते हुए सरकार (Government) से जवाब (seek answer) मांगा है।
सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा युगलपीठ को यह भी बताया गया कि पूरे प्रदेश में पारित आदेश का परिपालन करते हुए कोरोना उपचार की रेट लिस्ट प्रदेश के सभी अस्पतालों में चस्पा कर दी गई है। परिपालन रिपोर्ट के रिकॉर्ड पर नहीं आने के कारण युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को निर्धारित की है।
प्रदेश के शाजापुर जिले स्थित एक निजी अस्पताल के प्रबंधन के बिल की राशि का भुगतान नहीं होने पर वृद्ध मरीज को बेड से बांधकर रखा हुआ था। इस संबंध में अखबारों में फोटो सहित समाचार प्रकाशित हुए थे। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल ने 11 जून को एमपी हाईकोर्ट को पत्र लिखा था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय को भेजे गये पत्र में उस घटना को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भेजे गए पत्र की सुनवाई करते हुए युगलपीठ मामलें में कोर्ट मित्र की नियुक्ति करते हुए आर्थिक रूप से असक्षम लोगों के लिए प्राईवेट हॉस्पिटल में निशुल्क मेडिकल सुविधा और उपचार के लिए गाइडलाइन निर्धारित करने केन्द्र और राज्य सरकार से सुझाव मांगे थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने युगलपीठ को बताया था कि कोरोना मरीजों से अस्पताल मनमानी राशि वसूल रहा है। इंदौर जिला प्रशासन ने कोरोना से उपचार के लिए निजी अस्पताल पूर्व निर्धारित दर से 40 प्रतिशत अतिरिक्त बेड चार्ज नहीं लेने के निर्देश जारी किये है।