जबलपुर, संदीप कुमार। नीट- पीजी काउंसलिंग में लगातार हो रही देरी को लेकर आज देश भर के जूनियर डॉक्टरों (Junior doctor strike) ने काम बंद हड़ताल की है। इस दौरान जूनियर डॉक्टर सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही देंगे जबकि वार्ड-ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर की स्वास्थ्य व्यवस्था जूड़ा के द्वारा प्रभावित रहेगी। मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित नेता जी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भी पदस्थ जूनियर डॉक्टर आज काम बंद हड़ताल पर हैं।
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जबलपुर के नेता जी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल में जूड़ा एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ पंकज सिंह ने बताया की पीजी काउंसिलिंग के समय पर न होने के कारण लगातार मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी हो गई है। फस्ट ईयर का बैच अभी तक कम्प्लीट नहीं हुआ है, जिसके कारण जूडा की भर्ती नहीं हुई है। जिससे एक तरफ मरीजों की सेहत पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि अपना निर्णय जल्दी सुनाएं। प्रदेश भर के सभी मेडिकल कॉलेज में पदस्थ हजारों डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से आज स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इस दौरान जुड़ा ओपीडी में बैठकर न ही इलाज करेंगे और न ही वार्डों में रहेंगे। वहीं ऑपरेशन थियेटर में आज जूड़ा के द्वारा ऑपरेशन नहीं होंगे।
बता दें, एमडी-एमएस का सत्र हर साल 1 जून से शुरू होता है। इस वर्ष कोरोना की वजह से पहले तो परीक्षा में देरी हुई और उसके बाद फिर काउंसलिंग में देरी से दाखिले नहीं हो पाए। आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। वहीं जूनियर डॉक्टर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 4 हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है। जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि सरकार जल्द जवाब दें जिससे मामले का निराकरण हो सके।