जबलपुर, संदीप कुमार। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) पर जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में कई कार्यक्रम आयोजित हुए। कहीं महिलाओं का सम्मान किया गया तो कहीं उनकी शौर्य गाथा का बखान किया गया। लेकिन जबलपुर में अलग ही नजारा देखने को मिला है। यहां कुछ महिलाएं कलेक्टर (Collector) से मिलने पहुंची और मांग रखी कि संत आसाराम बापू (Saint asharam bapu) को रिहा किया जाए,महिलाओं का कहना था कि बापू पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हुए इसलिए उन्हें जेल में रखना अनुचित है, 85 साल की उम्र में एक संत को जेल में रखना घोर पाप है।
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राजनीति का शिकार हुए बापू
महिला उत्थान मंडल (Mahila Utthan Mandal) की महिलाओं ने कहा कि संत आसाराम बापू राजनीति का शिकार हुए हैं। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है, 55 साल तक जिस संत ने लोगों की सेवा की उनके दुख दूर किए वो कैसे गलत काम कर सकता है। महिला उत्थान मंडल की लता रघुवंशी ने कहा कि संत आसाराम बापू जितने आरोप लगाए गए हैं वो सब झूठे साबित हो रहे हैं। जिस लड़की ने दुराचार का आरोप लगाया है वह सिद्ध नहीं हुआ है बल्कि लड़की को नाबालिग बताया गया है इससे सिद्ध होता है कि बापू जी को फंसाया गया है।
शादी से पहले आश्रम में जा रहे हैं।
महिला उत्थान मंडल की ममता मिश्रा ने बताया कि वह संत श्री से सालों से जुड़ी है और कभी भी ऐसे गतिविधियां नहीं हुई हैं। शादी से पहले वह आश्रम आ रही हैं और बापू जी से मिल रही हैं। जिस अपराध के तहत बापू को जेल में डाला गया वह सजा तो कब की पूरी हो गई है फिर क्यों उन्हें नहीं छोड़ा गया है। महिला उत्थान मंडल की पदाधिकारियों ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि संत आसाराम बापू को सम्मान से रिहा कर महिलाओं के अस्तिव को बचाया जाए। इस महिला दिवस पर उनकी यह मांग पूरी होती है तो समझ लिया जाएगा कि देश में महिलाओं को सम्मान किया जा रहा है।
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