नेपाल में आसमान से बरसी आफत, मध्य प्रदेश के फंसे 17 लोग, सरकार से मांगी मदद

मध्य प्रदेश के 17 लोग जो की बाढ़ में फंसे हुए हैं अब उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को अपना एक वीडियो जारी करते हुए मदद मांगी है। जिला प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर 0762623925 जारी किया।

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Jabalpur News : मध्य प्रदेश के रीवा , डिंडोरी और जबलपुर से भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने नेपाल गए करीब 17 लोग अचानक आई बाढ़ में फंस गए हैं। यह सभी लोग नदी किनारे फंसे हुए हैं। तेज बारिश के चलते सड़क बह गई है। मध्य प्रदेश के 17 लोग जो की बाढ़ में फंसे हुए हैं अब उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को अपना एक वीडियो जारी करते हुए मदद मांगी है। जबलपुर वेटरनरी कॉलेज में पदस्थ सहायक अध्यापक राकेश बरहिया के परिवार के 6 लोग नेपाल में आई बाढ़ के चलते फंसे हुए हैं उन्होंने अपना एक वीडियो भी जारी करते हुए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि रीवा डिंडोरी और जबलपुर के करीब 17 लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं, सभी से लगातार संपर्क भी किया जा रहा है यह भी हो सकता है कि और भी लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि जिला प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर 0762623925 जारी किया है जिसके जरिए जो भी लोग हैं वह अपने परिवार जनों के लिए संपर्क कर सकते हैं। कलेक्टर ने बताया कि नेपाल में फंसे लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार से लगातार संपर्क किया जा रहा है।

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सरकार से मांगी मदद

नेपाल में फंसे एक परिवार ने अपना वीडियो जारी करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मदद मांगी है उन्होंने बताया कि नेपाल में हालत बहुत ही खराब हो गए हैं खाने-पीने के लिए कुछ नहीं है जो भी सामान था वह है पानी में बह गया है। हालात ऐसे बने हुए हैं की बॉर्डर तक पहुंचने में 24 घंटे तक लग रहे हैं। ऐसे में सरकार हमें भी मदद करें और हमें यहां से सुरक्षित मध्य प्रदेश से लेकर जाए।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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