जबलपुर/संदीप कुमार
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है और इसमें कई राज्यों के छात्र-छात्राएं भी फंस कर रह गए हैं। बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां के भी हजारों छात्र कई राज्यों में पढ़ाई के लिए गए थे और वही फंस गए थे। लगातार परिजनों की गुहार के बाद आखिर राज्य सरकार ने छात्रों की सुध ली और परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया कि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों को वापस मध्यप्रदेश लेकर आए।
राज्य सरकार के निर्देश पर कोटा गई बसों से वापस जबलपुर आए 79 छात्र छात्राएं
छात्रों को लेने गई राजस्थान कोटा से गुरूवार को चार बसें वापस जबलपुर आई है। इन बसों में करीब 79 छात्र छात्राए वापस लौटकर जबलपुर आए हैं। ये सभी छात्र कोटा में अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रहे थे। शहर के आईएसबीटी में आए इन छात्रों का पहले मेडिकल परीक्षण किया गया और फिर इन्हें परिजनों के पास जाने दिया गया। जबलपुर आरटीओ संतोष पाल ने बताया कि बाहर राज्य में पढ़ रहे पूरे प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए प्रदेश से 148 बसे भेजी गई थी जो कि विभिन्न जिलों में होती हुई जबलपुर पहुँची इन बसों में 79 छात्र वापस अपने घर आये है।
बच्चों के घर वापस आने पर परिजनों ने ली चैन की सांस,सरकार को दिया धन्यवाद
लॉक डाउन में फंसे होने के चलते कई दिनों से अपने माता पिता से दूर रह रहे बच्चे आज अपने परिवार में आकर बहुत खुश हैं, वहीं अपने बच्चो से मिलकर परिजनों ने भी राहत की सांस ली है। परिजनों ने सरकार की इसके लिये धन्यवाद दिया है, साथ ही मांग की है कि जिस तरह से हमारे बच्चों को कोटा से लाया गया है उसी तरह से अन्य शहरों में फंसे बच्चों को भी वापस लाया जाए।
बरगी नगर में रहने वाली छात्रा ने बताया लॉक डाउन में क्या हालत थे उसके
बरगी नगर में रहने वाली छात्रा प्रांजल ने बताया कि वह कोटा के बैजनाथ नगर में रहती थी और वहीं पर रहकर पढ़ाई कर रही थी। लॉक डाउन में बीते कई दिनों से वह फंसी हुई थी, हालांकि प्रांजल ने अपने फ्रेंड्स के साथ मिलकर जंरूरतों की सभी चीजें रखी थी जिसके चलते उसे किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आई। बुधवार दोपहर को उनकी बस कोटा से चली थी जो कि आज गुरुवार की शाम जबलपुर पहुंची।