जबलपुर, संदीप कुमार। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिन्दू पंचांग में वर्णित उन अबूझ मुहूर्तों में से एक हैं जिस दिन उन लोगों की शादियां भी हो जाती हैं जिनकी शादी के मुहूर्त निकलने में कोई समस्या होती है। ऐसे अबूझ मुहूर्त पर हुए विवाह को शुभ माना जाता है। इसीलिए पिछले लम्बे समय से अबूझ मुहूर्तों, बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया (आखा तीज) आदि वाले दिन सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किये जाते हैं।
कुछ साल पहले तक सामाजिक संस्थाएं ही इन विशेष अबूझ मुहूर्त पर सामूहिक शादियां करवाती थी लेकिन अब सरकार भी ये काम करती है। प्रदेश में आज अक्षय तृतीया पर सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किये जा रहे हैं। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की इसपर पैनी नजर है क्योंकि बहुत से माता पिता अपनी नाबालिग बेटियों की शादी (Minor’s marriage) भी ऐसे आयोजनों में या इस दिन चुपचाप कर देते हैं।