जबलपुर, संदीप कुमार| कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) की संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur) में 21 मार्च को लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया था। करीब 5 माह बाद अनलॉक हुए लोगों का सामान्य जनजीवन भी हो गया। सड़कों पर लोग निकलने लगे, वाहन भी चलने लगे यात्रियों की सुविधाओं के लिए ऑटो (Auto) भी जिला प्रशासन ने शुरु करवा दिए हालांकि इस लोक डाउन में सिटी बसें जरूर बंद रहे जिसका की ऑटो चालकों ने जमकर फायदा उठाया। इस कोरोना काल में ऑटो चालकों ने यात्रियों से मनमाना दाम तय करते हुए उसका जम कर फायदा उठाया और मनचाहा कराया भी वसूला।
जबलपुर जिले में संचालित होते है साढ़े नो हजार ऑटो
जबलपुर के शहरी और ग्रामीण इलाके में करीब साढ़े नो हजार ऑटो संचालित होते है जिसमे की साढ़े छह हजार ऑटो रजिस्टर्ड है जबकि बाकी के तीन हजार ऑटो बिना रजिस्टर्ड के चल रहे है।ऐसे में ये ऑटो चालकों ने बिना पुलिस प्रशासन के ही यात्रियों से वसूल करने वालो दामो को तय कर लिया।कोरोना काल के पहले जहाँ 20 रु प्रति यात्री को देना होता था वही अनलॉक डाउन के बाद ऑटो चालको ने 20 रु के स्थान पर 40 रु लेना शुरू कर दिए।रात के समय तो ऑटो चालक अपना रेट 40 रु से बढ़ाकर 80 से 100 रु तक कर देते है मजबूरीवश यात्रियों को ऑटो चालकों की बात मनना पड़ता है और मन मुताबिक पैसा देना होता है।
ऑटो चालकों ने यात्रियों के आरोपो को बताया बेबुनियाद
ऑटो चालकों के द्वारा मन माफिक किराया वसूलने के जो भी आरोप यात्रियों ने ऑटो चालकों में लगाए है उन तमाम आरोपो को चालको ने सिरे से खारिज कर दिया है।ऑटो चालकों की माने तो कोरोना संक्रमण के बाद जब से अनलॉक हुआ है तब से ज्यादातर यात्रियों ने अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है ऐसे में जब यात्री ही नही आ रहे है तो फिर ज्यादा किराया वसूलने का सवाल ही नही उठता जबकि डीजल और गैस के रेट भी बढ़ गए है बावजूद इसके यात्री किराया को यथावत रखा गया है।
सिटी बस चलती है तो ऑटो में बैठते है कम ही लोग
जब जबलपुर शहर में सिटी यात्री बस चलती है तो ज्यादातर लोग बस में ही सफर करना सही समझते है उसकी एक वजह ये भी है कि एक तो किराया कम दूसरा बस में सुविधा,पर वर्तमान के समय कोरोना काल मे सिटी बसों की कम आवाजाही के कारण ऑटो चालकों के किराया बृद्धि से यात्री परेशान है।
ऐसे समझे ऑटो की किराया वृद्धि
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉक डाउन के पहले तक जब जनजीवन सामान्य था तो रांझी से पुराने बस स्टैंड तक का किराया 20 रु प्रति यात्री था पर जब अनलॉक हुआ और चुनिंदा सिटी बसे रोड में चली तो इसका फायदा ऑटो चालकों ने उठाया लिहाजा किराए को 20 रु प्रति यात्री से बढ़ाकर 40 से 50 रु कर दिया जाता है।इसी तरह पुराने बस स्टैंड से अधारताल तक का किराया 10 रु था तो उसे 20 रु कर दिया,वही ग्वारीघाट तक के लिए 20 रु प्रति व्यक्ति की मांग की जा रही है।इसके साथ साथ पुराने बस स्टैंड से मेडिकल जाने के लिए 15 रु की जगह यात्री को 25 से 30 रु तक देना पड़ रहा है।
प्रशासन ने नही बनाई किसी तरह की रेट लिस्ट
कोरोना वायरस संक्रमण के बाद जब अनलॉक हुआ तो जबलपुर शहर की सड़कों में ऑटो भी दौड़ने लगे इस दौरान ऑटो चालकों ने मन मुताबिक रेट भी तय कर दिए जिसकी पुलिस और प्रशासन को भनक भी नही लगी और न ही रेट लिस्ट जारी नहीं की गई। यही वजह है कि ऑटो चालकों ने मन मुताबिक यात्रियों से किराया वसूलना शुरू कर दिया जाहिर तौर पर पुलिस प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है कल तक जहां यात्री को प्रति व्यक्ति के हिसाब से 20 रु देना पड़ रहा था तो वहीं अब 40 से 50 रु तक ऑटो चालक उनसे वसूल कर रहे हैं।
डीजल और गैस के बढ़ाए दाम पर यात्रियों से वही पुराना किराया वसूला जा रहा
ऑटो चालक बताते हैं कि कोरोना संक्रमण में वायरस ने सबसे ज्यादा अगर किसी को नुकसान पहुंचाया है तो वह हैं ऑटो चालक क्योंकि इस वायरस से लोग इतने डर गए हैं कि अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है कल तक जहां एक ऑटो की प्रतिदिन कमाई 400 से 500 रु हुआ करती थी आज वही कमाई 200 में सिमट कर रह गई है,इसके अलावा पुलिस प्रशासन का यह नियम की एक ऑटो में सिर्फ तीन सवारी बैठेंगे तो उससे और भी ज्यादा नुकसान ऑटो चालकों को झेलना पड़ रहा है।वहीं डीजल और गैस की महंगाई भी ऑटो चालकों के सिर पर ही आ रही है ऐसे में इस तरह का यात्रियों को दौरा आरोप लगाना कि किराए में वृद्धि कर दी गई है यह पूरी तरह से गलत है।