Jabalpur News : प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। लगातार लोकायुक्त द्वारा ऐसे भ्रष्ट अफसरों की धर पकड़ की जा रही है। इसी बीच बड़ी कार्रवाई जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने गोरा बाजार थाने में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को 40000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पुलिस विभाग में पदस्थ प्रधान आरक्षक एक जमीन के मामले की जांच कर रहा था जिसमें की प्रार्थी संदीप यादव से 50000 रिश्वत की मांग की गई थी। बाद में सौदा जब 40000 रुपए में तय हुआ तो संदीप यादव ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी से इस पूरे मामले की शिकायत की।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि गुरुवार की रात को थाने से चंद कदमों की दूरी पर जैसे ही प्रधान आरक्षक उर्मिलेश ओझा ने रिश्वत के रुपए लिए तभी लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झारबडे ने बताया कि रिज रोड में रहने वाले संदीप यादव ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्होंने 2018 में एक जमीन राजेंद्र जायसवाल को बेची थी, लेकिन उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई थी, जिसकी शिकायत राजेंद्र जायसवाल ने गोरा बाजार थाने में की थी। राजेंद्र जायसवाल की शिकायत उर्मिलेश ओझा कर रहे थे। इस जांच को रफा दफा कर संदीप यादव के पक्ष में केस बनाने के लिए 50000 रुपए रिश्वत की मांग ओझा ने की थी। जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने उर्मिलेश ओझा को रंगे हाथों 40000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

बताया यह भी जा रहा है कि आरोपी उर्मलेश ओझा के साथ एक और प्रधान आरक्षक है हालांकि उसे अभी लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया है। ट्रैप दल में निरीक्षक स्वप्निल दास निरीक्षक कमल हुईके पुलिस अधीक्षक दिलीप झारबडे निरीक्षक नरेश बड़ा शामिल थे।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट