बड़ी राहत: जबलपुर हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश, सिर्फ ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे निजी स्कूल

Pooja Khodani
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जबलपुर, संदीप कुमार।मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) जबलुपर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने निजी स्कूलों (Private schools) में फीस (Fees) को लेकर आज बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने मंगलवार को अंतरिम आदेश में कहा है कि निजी स्कूल कोरोना काल (Corona Era) के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस (tuition fees) ही वसूल सकते हैं। इसके अलावा अन्य किसी चार्जेस नहीं वसूल सकते हैं। अगली सुनवाई अब 10 सितंबर को होगी।

दरअसल,  फ़ीस वसूली मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है, जिसके तहत कोरोना काल में निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। निजी स्कूलों की मनमानी फ़ीस वसूली पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है। इसके तहत कोरोना काल में केवल स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने के ही आदेश दिए गए हैं। इतना ही नहीं स्कूल संचालक इस दौरान ट्यूशन फीस बढ़ा भी नहीं सकते है। ये आदेश भी हाई कोर्ट ने दिए है। स्कूलों अब तय ट्यूशन फीस की ही वसूली कर सकते हैं।हम आपको बता दे कि लॉकडाउन के बाद से ही इस याचिका पर लगातार सुनवाई चल रही थी, जिसके बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है।

गौरतलब है कि निजी स्कूल संचालक लॉकडाउन व कोरोना संकट के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद पूरी फीस लेना चाहते थे. इसके पीछे लॉकडाउन में भी बच्चों की आॅनलाइन क्लास लगाने का हवाला भी दिया गया जिसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसपर सुनवाई के बाद फिलहाल अंतरिम फैसला कोर्ट ने दिया है मामले में अगली सुनवाई अब 10 सितंबर को होनी है. इस दिन मामले में विस्तृत आदेश जारी होने की उम्मीद भी जताई जा रही है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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