जबलपुर, संदीप कुमार– बीजेपी के सीनियर नेता, विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई ने प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मुख्यमंत्री से सवाल किया है। कुछ दिन पहले भी प्रशासन के ऊपर आंकड़े छुपाने का आरोप लगा चुके हैं। विश्नोई के ट्वीट के बाद सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
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शिवराज सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके वरिष्ठ नेता और वर्तमान में विधायक अजय विश्नोई ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से कहा है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी है ।मुख्यमंत्री विशेष ध्यान देना चाहिए ।उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50000 मरीज थे और ऑक्सीजन 457 मीट्रिक टन खर्च हुई वहीं मध्यप्रदेश में 5000 मरीजों पर 732 मीट्रिक टन ऑक्सीजन खर्च क्यों हुई? यानी साफ तौर पर ऑक्सीजन की खपत महाराष्ट्र में 10 गुना मरीज ज्यादा होने के बावजूद मध्य प्रदेश से कम खर्च हुई। ट्वीट से साफ लग रहा है कि ऑक्सीजन की खरीदी में गड़बड़ी को लेकर अजय विश्नोई ने यह ट्वीट किया है ।
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चार दिन पहले भी अजय विश्नोई अपने तीखे तेवर दिखा चुके हैं। मुख्यमंत्री के साथ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने जबलपुर में कोरोना संक्रमण की वास्तविक हालत छुपाने का प्रशासन पर सरेआम आरोप लगाया था। उनका कहना था कि प्रशासन जानबूझकर आंकड़े छुपा रहा है जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विश्नोई ने प्रशासन से कहा था कि उनके पास केवल हुए आंकड़े हैं जो RTPCR जांच के बाद आते हैं जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि लोग एंटीजन टेस्ट के बाद में पॉजिटिव आते ही निजी अस्पतालों में अपना इलाज शुरू करा देते हैं। विश्नोई ने यह भी कहा था कि प्रशासन मौत के आंकड़ों के बारे में भी भ्रामक जानकारी दे रहा है ।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया था कि जबलपुर में प्रशासन ने कल दो मौतें बताई थी जबकि उनके विधानसभा क्षेत्र के चौहानी श्मशान घाट में ही 14 लोगों के अंतिम संस्कार हुए ।
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सत्ताधारी पार्टी के विधायक का ट्वीट चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि मंगलवार को ही सरकार की ओर से यह वक्तव्य आया था कि ऑक्सीजन की किसी तरह की कमी नहीं है और प्रदेश के अस्पतालों में लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। हालांकि इस वक्तव्य के उलट भोपाल के सिटी हॉस्पिटल में ही ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ लोगों की मौत की बात सामने आई थी।
प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी है मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj जी कृपया ध्यान दें अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50000 मरीज थे और ऑक्सीजन 457 मेट्रिक टन खर्च हुई है वहीं मध्यप्रदेश में 5000 मरीजों पर 732 मेट्रिक टन ऑक्सीजन खर्च क्यों हुई?
— Ajay Vishnoi (मोदी का परिवार) (@AjayVishnoiBJP) April 14, 2021