जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में 21 अक्टूबर को लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने बीआरसी को रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, इस कार्रवाई से तिलमिलाए रिश्वतखोर बीआरसी ठाकुर प्रशाद पटेल ने शिकायत करने वाले संविदा लेखापाल को कार्यमुक्त का आदेश थमा दिया है, जिसके बाद से अब शिक्षा विभाग में कई तरह के सवालिया निशान उठने लगे हैं।
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संविदा कर्मी विक्रम सिंह ने बीते दिनों बीआरसी ठाकुर प्रसाद पटेल की जबलपुर लोकायुक्त पुलिस (Jabalpur Lokayukta Police) से शिकायत की थी, शिकायत में उन्होंने कहा था कि बीआरसी के द्वारा हर बिल में कमीशन मांगा जाता था इतना ही नहीं बीआरसी ने तो लेखापाल को यहां तक धमकी दी थी कि अगर उन्हें कमीशन नहीं मिला तो आपकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी, जिसके बाद विक्रम सिंह ने इस पूरे मामले की जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की और पुलिस ने फिर बीआरसी को 12 हजार रु की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
रोज कार्यालय आ रहे हैं बीआरसी
रिश्वत कांड में फंसे बीआरसी ठाकुर प्रसाद पटेल अभी भी रोज कार्यालय आ रहे हैं, इसके अलावा कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों पर लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई को कमजोर करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है, हाल ही में लोकायुक्त से शिकायत करने वाले विक्रम सिंह को यह कहते हुए कार्यमुक्त का फरमान दिया गया है कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करता है।
यही स्थिति जेडीए कार्यालय में
शिक्षा विभाग में पदस्थ बीआरसी के अलावा ज्वाइंट डायरेक्टर एजुकेशन राम मोहन तिवारी भी 21 हजार रु की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों लोकायुक्त पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए थे, वह भी लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई में मिले सबूतों को कमजोर करने के लिए रोजाना कार्यालय आ रहे हैं।