जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर जिला प्रशासन ने 17 आदिवासियों की जमीन को अवैध कब्जा धारियों से मुक्त कराते हुए इन सभी रजिस्ट्री को शून्य कर दिया है, जबलपुर के नवनियुक्त कलेक्टर डॉ.इलैया राजा टी ने यह कार्रवाई की,
जबलपुर में आदिवासियों की जमीन के दस्तावेजों में हेर-फेर कर, आदिवासियों को गुमराह करते हुए जमीनों को कम दाम में खरीदने का खेल जमकर चल रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें आदिवासियों की 36 एकड़ जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर कर कोड़ियों के दाम जमीन लेकर रजिस्ट्री करा ली गई, आदिवासियों ने शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने जमीन के बदले पैसे भी नहीं दिए इस शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ग्रामीण ने सुनवाई कर रजिस्ट्री शून्य करने का निर्णय लिया है।
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एसडीएम पी.के सेनगुप्ता ने बताया कि तीन साल पूर्व यह शिकायत उनके पास आई थी, मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों से दस्तावेज मांगे गए जांच में पता चला कि आदिवासियों की जमीन सामान्य में बदलकर पांच लोगों ने उसे खरीदा है। इस संबंध में जब आदिवासियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें तब लगी,जब वहां निर्माण कार्य शुरू हो गया सभी पक्षों को सुनने के बाद आदिवासियों की ग्राम सिलुआ रमनपुर बरगी तहसील की 36.50 एकड़ का विक्रय पत्र को अधिनियम 1976 और मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959, नवीन संशोधित 2018 की धारा 170 के तहत रजिस्ट्री शून्य कर दी है, आदिवासियों की जमीन का खेल सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने आदिवासियों की जमीन को नियम विरुद्ध तरीके से खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई को आगे भी जारी रखने की बात कही है।