आदिवासियों की जमीन बेचने के मामलें में 03 तहसीलदार और 04 पटवारियों पर मामला दर्ज

जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर ईओडब्ल्यू ने तहसीलदारों व पटवारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है,  कटनी के ग्राम करौंदी, कुठीया महगवां एवं गठौहा में आदिवासियों को शासन से प्राप्त 54 एकड़ भूमि, तहसीलदार और पटवारियों की मिली भगत से खरीदकर, करोड़ों का भ्रष्टाचार करने वाले आरोपियों पर यह मामला दर्ज किया गया है,  लगभग 54 एकड़ भूमि जो कि शासकीय पट्टेदार थी। जिसमें रमेश सिह,टॉप ग्रेन मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन खरीद ली थी। इस मामले की जांच के बाद जबलपुर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने तहसीलदारों व पटवारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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इस संबंध में जबलपुर ईओडब्ल्यू एसपी देवेन्द्रसिंह राजपूत के अनुसार आदिवासियों को ग्राम करौंदी कुठिया, महगवां व गढ़ौहा ने करीब 54 एकड़ भूमि दी गई थी, जिसे रमेश सिंह ने तहसील बरही में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदारों एवं पटवारियों की मिलीभगत से मामूली रकम देकर वर्ष 2008 में क्रय किया, तहसीलदार एस के गर्ग, आरपी अग्रवाल तथा आरबी द्विवेदी द्वारा अभिलेखों की जांच किये बगैर शासकीय पट्टे की भूमि में बगैर कलेक्टर की सक्षम अनुमति लिये नामांतरण पारित किया गया है, पटवारी नत्थूलाल रावत, संतोष दुबे जूनियर, संतोष दुबे सीनियर एवं सुखदेव सिंह भवेदी द्वारा अभिलेखों में पूर्व वर्षों का अभिलेख रोस्टर न कर उक्त खसरे की भूमि में भूमिधारकों को भूमिस्वामी दर्ज किया गया है, तहसीलदारों एवं पटवारियों के द्वारा भूमियों का नामांतरण भी दर्ज करा दिया गया, इस प्रकार तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा षड्यंत्र पूर्वक एवं छलपूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय भूमि का क्रय-विक्रय कर अनावेदक को अवैध लाभ पहुंचाने एवं स्वयं लाभान्वित होने की नियत से पद का दुरूपयोग कर कम दामों पर विधि विरूद्ध तरीके से विक्रय कराकर नामांतरण कर करोड़ों रुपए लाभ अर्जित कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई, इस माले में रमेशसिंह प्रतिनिधि टॉप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, तहसीलदार एसके गर्ग, आरपी अग्रवाल, आरबी द्विवेदी, पटवारी नत्थूलाल रावत, संतोष दुबे जूनियर, संतोष दुबे सीनियर, सुखदेवसिंह भवेदी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, भादवि, एवं 7 सी भ्रनि संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


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Harpreet Kaur