50,000 रुपये की रिश्वत लेते मुख्य नगर पालिका अधिकारी, क्लर्क सहित रंगे हाथ गिरफ्तार

Atul Saxena
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Jabalpur Lokayukta Police Action : जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आज एक बार फिर रिश्वत लेते सरकारी अधिकारी की गिरफ्तार किया है, लोकायुक्त मध्य प्रदेश में लगातार रिश्वतखोरों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है बावजूद इसके भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों ने अपनी सरकारी नौकरी को लेकर किसी तरह का भय नहीं है।

जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मंडला जिले के महाराजपुर में रहने वाले जगमोहन सिंह नामक व्यक्ति ने एसपी कार्यालय में पिछले दिनों एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उसने कहा कि वो ठेकेदारी करता है और उसके द्वारा किये गए नलकूप खनन का भुगतान अटका हुआ है।

बिल भुगतान करने के बदले मांगी थी रिश्वत 

ठेकेदार जगमोहन ने बताया कि नलकूप खनन का बिल 1,97,296/- रुपये है जिसका भुगतान करने के बदले मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुकेश कुम्हरे 50,000/- रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं इसमें कार्यालय में पदस्थ क्लर्क भी शामिल है, जबलपुर लोकायुक्त एसपी ने शिकायत को गंभीरता से लिया और आवेदक को टेप रिकॉर्डर देकर रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि कराई।

CMO के कहने पर क्लर्क ने ली रिश्वत की राशि 

लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होते ही ट्रेप की प्लानिंग की और मंडला पहुँच गई। आरोपी मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुकेश कुम्हरे द्वारा बताये गए स्थान उसके निवास पर आवेदक जगमोहन पहुंचा , उसने रिश्वत की राशि 50,000/- रुपये उसे दिए, जो आरोपी ने अपने कार्यालय के क्लर्क (दैनिक वेतन भोगी) संदीप दुबे से लेने के लिए कहा। संदीप ने अपने साहब के आदेश का पालन करते हुए 50,000/- रुपये अपनी जेब में रख लिए।

लोकायुक्त पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया 

रिश्वत की राशि 50,000/- रुपये संदीप की पेंट की जेब में जाते ही वहां लोकायुक्त पुलिस जबलपुर की टीम पहुँच गई और उसकी जेब से पैसे निकालकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, लोकायुक्त पुलिस की टीम ने जैसे ही संदीप के हाथ धुलवाए उसमें से गुलाबी रंग निकलने लगा, लोकायुक्त पुलिस ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

50,000 रुपये की रिश्वत लेते मुख्य नगर पालिका अधिकारी, क्लर्क सहित रंगे हाथ गिरफ्तार

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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