जबलपुर, संदीप कुमार। देश की आजादी को लेकर फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत के विवादित बयान पर इस समय हर तरफ हंगामा मचा हुआ है,हमे आजादी 1947 नही बल्कि 2014 में मिली थी उसके इस बयान की चौतरफा निंदा हो रही है, इधर जबलपुर जिला अदालत में फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। जबलपुर जिला अदालत में अधिवक्ता अमित साहू ने परिवाद दायर करते हुए कोर्ट से मांग की है कि फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने जिस तरह का बयान देश की आजादी को लेकर दिया है वह कही से भी माफी योग्य नही है लिहाजा इस मामले पर कंगना रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए, वकील अमित साहू ने कहा है कि देश की आजादी के लिए न जाने कितने स्वातंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपनी जान दे दी वही कंगना कहती है कि हमे 1947 में भीख में आजादी मिली है।
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इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोट ने भी फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत के आजादी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर देश के महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखा था पत्र में उन्होंने कहा था कि एक पद्मश्री से सम्मानित व्यक्ति को इस तरह का बयान देना कहीं से भी सही नहीं है लिहाजा फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत से पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए।