कम्प्यूटर बाबा ने दो साल से नहीं दिया कार का किराया, पीड़ित पहुंचा डीआईजी के पास 

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। बरेला के रहने वाले कम्प्यूटर बाबा (Computer Baba) की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं, आश्रम के जमींदोज होने के बाद उन्हें कार में घुमाने वाले एक व्यक्ति ने इंदौर के डीआईजी ऑफिस (DIG Office) में जाकर शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है कि कम्प्यूटर बाबा (Computer Baba) ने अप्रैल 2019 से कार का किराया नहीं दिया है जबकि 40 हजार रुपये प्रतिमाह में कार लगी हुई थी, शिकायत में यह भी कहा गया है कि बाबा जबलपुर स्थित अपने पैतृक गांव बरेला में छिपकर बैठे हुए हैं ,जब भी बाबा को काल करो तो न वो फोन उठा रहे है न उनके चेले फोन  उठा रहे हैं।

सितंबर 2018 में हुई थी कंप्यूटर बाबा के पास कार अटैच

मूसाखेड़ी के इदरीस नगर निवासी तोमर ने डीआईजी कार्यालय पर आवेदन दिया और बताया कि उसने अपनी कार कंप्यूटर बाबा (Computer Baba) के यहां सितंबर 2018 से 40 हजार रुपए माह में अटैच की थी,अप्रैल 2019 तक तो उसे हर माह किराया मिला, पर इसके बाद से अभी तक उसका 3 लाख 60 हजार रुपए किराया बाकी है। किराया नहीं मिलने से वह कार की किस्तें तक नहीं भर पा रहा है।

बाबा का असली नाम रमा शंकर पटेल – 8 करोड़ की संपत्ति चेले के नाम

तोमर ने कहा कि बाबा का असली नाम नाम देव दास त्यागी नहीं, बल्कि रमा शंकर पटेल है। वह अविवाहित शिक्षक है,उसके चार भाई हैं वह एक दिन अचानक घर से भाग गए और आठ साल बाद बाबा बनकर लौटे, आज बाबा के पास 20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। उसने अपने चेले राजा यादव के नाम पर 2 करोड़, गोविंद पटेल के नाम 5 करोड़ की संपत्ति कर रखी है।

बाबा ने चेलों को दिलवा दिया बंदूक के लाइसेंस

शिकायतकर्ता तोमर का दावा है कि बाबा के तीन खास चेले राजा यादव निवासी सुल्तानगंज जिला रायसेन, राम बाबू यादव और गोविंद पटेल दोनों निवासी सिलवानी रायसेन हैं। इन्हें बाबा ने कलेक्ट्रेट में सेटिंग कर एक ही दिन में बंदूक के लाइसेंस दिलवाए, वहीं तोमर पर भी अलग-अलग 17 आपराधिक मामले दर्ज थे। उसका दावा है कि अधिकांश में वह बरी हो चुका है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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