NEET घोटाले की जांच पर विवेक तन्खा ने उठाये सवाल, बोले- मुझे लगता है कोई सबूत नहीं मिलेंगे, बताई इसकी वजह

जबलपुर में 20 जुलाई को होने वाली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव को लेकर राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होना अच्छी बात है यह जनता के हित के लिए होता है, लेकिन अगर इन्वेस्टमेंट राजनीतिक पृष्ठभूमि से प्रभावित होकर सिर्फ पार्टी तक ही सीमित रहेंगे तो इस यह कार्यक्रम भी पूरी तरह से फेल हो जाएगा।

Congress MP Vivek Tankha

Vivek Tankha raised questions on NEET scam : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने नीट घोटाले में चल रही जांच पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से व्यापम घोटाले की जांच दबकर रह गई थी, ठीक उसी तरह से नीट घोटाले के भी आरोपी सामने नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि जांच अगर मिलीभगत होती है तो निश्चित रूप से कुछ सामने नहीं आएगा और अगर यही जांच निष्पक्ष होती तो अपार सबूत अभी तक सामने आ चुके होते।राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि मुझे बहुत ही दुख है कि देश के करोड़ों बच्चों के साथ विश्वासघात हुआ है।

ममता बनर्जी भाजपा के लिए चैलेंज बन गई हैं 

पश्चिम बंगाल में चल रही हिंसा को लेकर जिस तरह से भाजपा लगातार बैनर्जी सरकार पर हमला कर रही है उसको लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि महिलाओं पर हिंसा सिर्फ पश्चिम बंगाल नहीं बल्कि मणिपुर, नागालैंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों में हो रही है और मैं हमेशा से ही महिलाओं के साथ हो रही हिंसा का खिलाफत करता रहा हूं। लेकिन जिस तरह से भाजपा के नेताओं को सिर्फ पश्चिम बंगाल दिख रहा है उससे यह समझ में आ रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा के लिए चैलेंज बन गई हैं।

जबलपुर में होने वाले रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव पर उठाये सवाल 

जबलपुर में 20 जुलाई को होने वाली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव को लेकर राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होना अच्छी बात है यह जनता के हित के लिए होता है, लेकिन अगर इन्वेस्टमेंट राजनीतिक पृष्ठभूमि से प्रभावित होकर सिर्फ पार्टी तक ही सीमित रहेंगे तो इस यह कार्यक्रम भी पूरी तरह से फेल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मध्य प्रदेश के कई जिलों में इस तरह के कार्यक्रम हुए हैं, लेकिन कोई भी बड़ी कंपनी ने मध्य प्रदेश पर कोई बड़ा प्लांट नहीं लगाया है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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