जबलपुर, संदीप कुमार। आपने सड़क निर्माण (Road Construction)तो बहुत देखा होगा, कहीं सीधी, कहीं ऊँची नीची तो कहीं घुमावदार सड़कों पर चले होंगे, वाहन भी चलाये होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसा सड़क निर्माण दिखा रहे हैं जो अब तक आपने ना तो देखा होगा और ना इसकी कल्पना की होगी , जी हाँ ये अनोखा सड़क निर्माण हुआ है एमपी के जबलपुर में, जिसको बनाने वाले ठेकेदार की चर्चा शहर से लेकर सोशल मीडिया पर छाई हुई है।
जबलपुर (Jabalpur News) के दीवान आधार सिंह वार्ड में स्थित पेट्रोल पंप से लेकर प्राचीन कालीन लक्ष्मी मंदिर तक बनाई गई सड़क इन दिनों खासी सुर्खियों (Unique road construction in Jabalpur) में है। दीवान आधार सिंह वार्ड अंतर्गत आने वाले आधारताल तालाब से लेकर लक्ष्मी मंदिर तक सीमेंट कांक्रीट की सड़क का निर्माण किया गया है, लेकिन सड़क निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार ने ऐसा कमाल कर दिया कि सड़क से वाहन को अलग करवाए बिना ही सड़क का निर्माण कर दिया गया और जितने क्षेत्र में सड़क पर वाहन खड़ा था, उतने क्षेत्र में सड़क को नहीं बनाया।
ठेकेदार के इस काम को देखकर वहां पर रहने वाले नागरिक और राहगीर आश्चर्य चकित हो रहे हैं। ठेकदार जनता की सुविधा में कटौती करते हुए मोटा मोटा मुनाफा इस तरह का गोलमाल करके कमा रहे हैं, क्योंकि इस तरह के गोलमाल से होने वाले मुनाफे का हिस्सा संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि को जाता है, इसलिए ठेकेदार के हर एक भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया जाता है।
आधारताल तालाब के पास स्थित नगर निगम के सामुदायिक भवन में अस्थाई रूप से थाने का संचालन होता था और इस दौरान सड़क दुर्घटना व अन्य अपराधों के कारण छोटे से लेकर बड़े बड़े वाहनों की जब्ती कर उन्हें संबंधित अस्थाई थाने के पास खड़ा कर दिया था, इसलिए कबाड़ हो चुके ट्रक, इंजन व अन्य वाहन और उनकी सामग्री को अलग ही नहीं किया गया और सड़क का निर्माण कर दिया गया, जो की अधिकारी, कर्मचारी, इंजीनियर व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिली भगत को उजागर करता है।
सोशल मीडिया पर इस अनोखे सड़क निर्माण की चर्चा हो रही है, अब देखना ये है कि सड़क निर्माण का वीडियो वायरल होने के बाद शासन प्रशासन के द्वारा संबंधित ठेकेदार व दोषी इंजीनियर और अधिकारियों व निगरानी करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होती है?
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....