जबलपुर।संदीप कुमार।
कोरोना वायरस का डर अब जेलों में भी देखा जा रहा है यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के चलते देश के सभी हाई कोर्ट और राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि वो जल्द से जल्द जांच कर कैदियों को आगामी समय के लिए जमानत दे और उन्हें छोड़ दे।
विचाराधीन कैदियों को छोड़ा जाए
जेल से कैदियों की भीड़ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन जारी की है कि वो विचाराधीन कैदी जिन्हें की कम से कम पाँच साल की सजा हो सकती है उन कैदियों को 45 दिन की जमानत पर छोड़ा जाए इसके अलावा पेरोल पर भी जाने वाले कैदियों को अतिरिक्त समय दिया जाए।
जबलपुर संभाग से रिहा होंगे करीब एक हजार कैदी
नेता जी सुभाष चंद्र केंद्रीय जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते जबलपुर संभाग के जेलों में सजा काट रहे करीब एक हजार कैदियों को रिहा करने की जेल प्रशासन तैयारी कर रहा है।इसमे जबलपुर जेल सहित सतना,कटनी,मंडला, नरसिंहपुर और सिवनी जेल है जहाँ पर की सजा काट रहे कैदियों को 45 दिन के लिए रिहा किया जा रहा है।
बुजुर्ग और महिला बंदियों को भी मिलेगा पेरोल का लाभ
वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार की माने तो कोरोना वायरस के कारण 60 साल के बुजुर्ग कैदियों को 60 दिनों की पेरोल पर भेजने का जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है।इसके साथ ही 50 साल की महिला बंदी और वो महिलाएं जिनके साथ 6 साल तक के बच्चे है उन्हें भी 60 दिनों की पेरोल मिलेगी।सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और हाई कोर्ट के निर्देशों के पालन में जेल प्रशासन जुट गया है और जल्द ही कैदियों को रिहा किया जाएगा।