जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) ने आज केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून (Agricultural bill) पर जमकर हमला बोला। उन्होने कहा कि आखिर क्या जरूरत थी कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून बिल एक साथ लाए। उन्होने कहा कि कुल मिलाकर कॉरपोरेट हाउस को फायदा पहुंचाना के लिए है ये तीनों कानून बनाए गए हैं, जिसका आज देश भर में विरोध (Farmers protest) हो रहा है।
मंडी कानून राज्य का अधिकार-केंद्र ने किया अतिक्रमण
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि कृषि मंडी के लेकर कानून बनाने का नियम राज्य सरकार के अधीन होता है, पर केंद्र सरकार ने अपनी मर्जी चलाते हुए राज्यों के अधिकार पर अतिक्रमण कर रही है। केंद्र सरकार भारतीय संविधान के द्वारा दी गई व्यवस्था पर अतिक्रमण कर रही है। केंद्र सरकार का कहना था कि किसानों को इस कानून से मुक्त कर दिया है, जो कि पहले से ही मुक्त था। आज इसमें नया क्या है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में पहली बार किसान आंदोलन राजनीति और राजनीतिज्ञों से दूर होकर चल रहा है जिसका की कांग्रेस समर्थन करेगी।
सिविल सोसायटी एक्टिविस्ट को किया जा रहा है परेशान
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी कानून बिल को लेकर जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें केंद्र सरकार परेशान कर रही है, हाल ही में दिशा रवि जो कि कॉलेज की एक छात्रा है और जलवायु परिवर्तन पर एक शोध भी कर रही हैं व इसके लिए लड़ाई लड़ रही है। उनपर केंद्र सरकार ने देशद्रोह का कानून लगाया गया, क्योंकि उन्होने किसान आंदोलन के पक्ष में टूलकिट में संशोधन किया था।
देश में है आर्थिक संकट के हालात
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब घर में आर्थिक संकट आ जाता है उस समय के घर में रखे जेवरात-जमीन संपत्ति बेची जाती है। कांग्रेस ने 70 साल में जो नवरत्न कपनियां तैयार की थी, उन्हें बेचा जा रहा है क्योंकि 2014 से 2021 के बीच आर्थिक हालात इतने खराब हो गए है कि बांग्लादेश आज भारत से बेहतर हो गया है।
भगवान राम का मंदिर बने किसी को आपत्ति नहीं
दिग्विजय सिंह ने कहा कि श्री राम का मंदिर बने इसमे किसी को आपत्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है लेकिन चन्दा वसूली का अधिकार न्यास ने किसी को दिया है, कोई अधिकृत नहीं है औ गली मोहल्लो में जबरन चन्दा वसूला जा रहा है जिसकी शिकायत भी मिल रही है। उन्होने कहा कि मैंने स्वयं इस कार्य के लिए चंदा दिया है अब तो इसमें अल्पसंख्यक वर्ग भी पक्ष में हैं, लेकिन चंदे का हिसाब किताब होना चाहिए।