जबलपुर, संदीप कुमार। अदालतों में आमतौर पर जो मामले पहुँचते है उसके निपटारे कानून के हिसाब से कर दिए जाते हैं लेकिन जबलपुर (jabalpur) की एक एसडीएम कोर्ट (sdm court) में जो मामले पहुँचते हैं वो कानून की अदालत से ज्यादा दिल की अदालत से सुलझते है ऐसा ही एक मामला जब सुलझा तो एसडीएम कोर्ट का माहौल बदल गया सब भावुक हो गए। दरअसल मंझौली निवासी 76 साल के भूरेलाल चौहान को उनका बेटा नारायण व बहू लक्ष्मी परेशान करते हैं, उसे संपति से बेदखल करना चाहते है, यह मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पहुंचा, वहां पर बुजुर्ग भूरेलाल का मुकदमा तैयार किया गया और पैनल लॉयर की व्यवस्था की गई। मामले की सुनवाई शुरू हुई तो एसडीएम कोर्ट ने दोनों पक्षों को समझाया तो पुत्र एवं उसकी बहू ने भी गलती मानी और एसडीम कोर्ट में ही पिता के पैर धोए और अपनी गलती मानी।
जिसने में ये दृश्य देखा बस देखता रह गया
एसडीएम कोर्ट में पहुंचा बुजुर्ग पिता जो अपने लड़के-बहू को देखना तक पसंद नहीं करता था तो बेटा-बहू भी बुजुर्ग भूरे लाल चौहान से छुटकारा पाना चाहते थे, पर एसडीएम कोर्ट ने जब फैसला सुनाया तो लड़के एवं उनकी बहू ने गलती मानी और न्यायालय की समझाइश पर बुजुर्ग के पैर पखारे। इस दौरान दोनों तरफ से आंसुओं की झड़ी भी लग गई, दोनों पक्षों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली अंततः सब एक साथ रहने लगे।
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82 साल की बुजुर्ग महिला को भी 24 घंटे में दिलाया न्याय
एसडीएम आशीष पांडे ने सिहोरा अनुभाग में महज 15 दिन पहले ही पदभार संभाला है और इन 15 दिनों में ही उन्होंने बुजुर्गों के लिए खास काम किया। पिछले दिनों 82 साल की बुजुर्ग महिला ने अनुविभागीय अधिकारी आशीष पांडे के समक्ष अपने पुत्र की काली करतूतों की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई थी, जिस पर एसडीएम कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर नजूल आर.आई से प्रतिवेदन प्राप्त कर महिला को न्याय दिलाते हुए आजीविका के साधन उपलब्ध करवाए थे, साथ ही पुत्र को 1 सप्ताह के अंदर वादग्रस्त जमीन खाली करने का आदेश भी जारी किया था, एसडीएम के निर्देश के बाद वृद्ध महिला को पुत्र ने ना सिर्फ आजीविका के साधन उपलब्ध करवाए बल्कि अपनी गलती भी मानी।
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बेटे ने माँ को निकाल दिया घर से बाहर, भीख मांगने को मजबूर माँ
सिहोरा निवासी 82 साल की वृद्ध महिला जो कि ठीक ढंग से चल भी नहीं पाती थी वह अपने बेटे की करतूत के चलते भीख मांगने को मजबूर थी, वृद्ध महिला ने भी अपने बेटे की शिकायत एसडीएम आशीष पांडे के न्यायालय में लगाई। महिला ने एसडीएम कोर्ट को बताया कि उसके बेटे ने जमीन छुड़ा ली है और अब वह आस-पास भीख मांगकर अपना गुजर बसर कर रही है। वृद्ध की दर्द भरी दास्तां सुनकर एसडीएम आशीष पांडे की आंखें नम हो गई और उन्होंने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के तहत प्रकरण में 3 दिन के भीतर फैसला देते हुए 82 साल की वृद्धा को उसके पुत्र काशीराम द्वारा जबरन कब्जा की गई जमीन को वापस दिलाने का आदेश पारित किया,लिहाज़ा 82 साल की छोटी बाई को उसकी पैतृक जमीन वापस मिल गई।