EOW ने बैंक के तत्कालीन मैनेजर सहित 7 पर दर्ज की FIR, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के नाम पर घोलमाल

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जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें 76 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। आरोपियों ने कपड़ा उद्योग लगाने के लिए  फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से मिली भगत करके इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने प्रकरण में 7 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करते हुए प्रकरण को जांच में लिया है। ईओडब्ल्यू अधिकारियों के अनुसार मामला वर्ष 2018-19 का है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र राइट टाउन शाखा के मौजूदा मुख्य प्रबंधक विजय सिंह ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया कि 2018-19 वित्तीय वर्ष के दौरान बैंक में भूषण शुक्ला शाखा प्रबंधक थे।

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जिला उद्योग और व्यापार केंद्र के अनुमोदन के साथ आल्या किऐशन की प्रोपराइटर गीत विहार कॉलोनी बाबू परांजपे वार्ड नगर रोड जबलपुर निवासी दीप्ति विलियम पति विक्टर विलियम ने कपड़ा उद्योग लगाने  के लिए ऋण आवेदन बैंक ऑफ महाराष्ट्र राइट टाउन शाखा में लगाया था। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत कुल 76 लाख रुपए ऋण का आवेदन लगाया गया था। दीप्ति विलियम ने अहमद इंटरप्राइजेज के फर्जी प्रोपराइटर बने गढ़ा कछपुरा मालगोदाम निवासी शैलेंद्र सिंह ठाकुर, होमसाइंस कॉलेज रोड नेपियर टाउन निवासी रवि सतपाल पिता भगवानदास सतपाल, उमेश चौरसिया, नीलम बरकड़े और शिल्पी मिश्रा, तत्कालीन बैंक के शाखा प्रबंधक भूषण शुक्ला व अन्य के साथ मिलीभगत करते हुए ये ऋण स्वीकृत कराया था।

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आरोपियों ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत लोन के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। इस कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर बैंक से आल्या क्रिएशन के खाता में और उसके कैश क्रेडिट खाते से रवि सतपाल, बैंक अधिकारी भूषण शुक्ला सहित अन्य के खाते में स्वीकृत लोन की 76 लाख रुपए को ट्रांसफर कराया गया। ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत के मुताबिक इस मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक भूषण शुक्ला सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ अमानत में ख्यानत, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, साजिश रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया है।


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Harpreet Kaur

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