जबलपुर| राज्य साइबर सेल पुलिस ने फर्जी सिमो को प्रदेश के बाहर सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। साइबर सेल पुलिस ने इस मामले में पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमे से की दो टेलीकॉम कंपनी के अधिकारी भी है। साइबर सेल पुलिस को आरोपियों के पास से 10 हजार सिम और मोबाइल भी मिले है। साइबर सेल पुलिस की जाँच में ये भी आया है कि जबलपुर से इन सिमो को कुरियर के जरिये देश के कई अलग-अलग राज्यो में भी भेजा जाता था और उसके बाद फिर आरोपी OLX, OTP, सोशल मीडिया में इन सिमो का उपयोग कर इससे लोगो को ठगा जाता था।
फर्जी सिमो के इस गिरोह का खुलासा करते हुए साइबर सेल एसपी अंकित शुक्ला ने बताया कि लगातार शिकायत आ रही थी कि फेसबुक प्रोफाइल हैक कर कुछ लोगो के द्वारा रु की मांग की जा रही है। इस शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने जब जाँच की तो पाया कि आइ.ए सर्वीसेज कंपनी के नाम से सिम एक्टिवेट हुई है और उसी सिम से रु की मांग की गई है। पुलिस ने जब और जानकारी जुटाई तो पता चला कि आइ.ए सर्वीसेज कंपनी के मालिक इमरान उल हक की फर्जी सील बनवा कर उसका करीबी दोस्त अशफाक के द्वारा करीब 90 सिमें जारी करवाई है। साइबर क्राइम पुलिस ने जब अशफाक से पूछताछ की तो उसने बताया कि अपने दोस्त अमित और आकाश के साथ मिलकर रोहित बजाज के जरिये जो कि पहले टेलीकॉम कंपनी में काम किया करता था उससे 7000 सिमें अलग अलग टेलीकॉम कंपनी की निकलवाई है और उसके बाद उन सिमो को देश के अलग अलग राज्यो में बेचने हेतु निशांत पटेल नाम के युवक को दी गई। निशांत पटेल मोबाइल सिमो को धोखाधड़ी में उपयोग हेतु देश के अलग अलग राज्यो में महंगे दामों में बेचा करता था।साइबर सेल पुलिस ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए पांच आरोपी निशान्त पटेल,अशफाक अहमद,अमित सोनी,रोहित बजाज और रितेश कनोजिया को गिरफ्तार किया है।
आयुष्मान योजना के लाभ का लालच देकर ग्रामीणों से लेते थे आधार कार्ड
साइबर सेल पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि निशान्त पटेल अपने साथी सागर पटेल के साथ मिलकर सिहोरा, बुड़ागर, पाटन,मंझोली में रहने वालों ग्रामीणो को आयुष्मान योजना का लाभ देने के बहाने छलपूर्वक पेटीएम और एम वालेट के केवायसी करने के बाद इसे देश के अन्य राज्यो में कोरियर के जरिए बेच कर मुँहमाँगा रु कमाते थे।