जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर में नगर निगम कमिश्नर आशीष वशिष्ठ ने प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही बरतने वाले नगर निगम के अधिकारियों का वेतन राजसात करने की कार्रवाई की है, कमिश्नर ने जांच के दौरान पाया कि पीएम आवास योजना कार्य देख रहे अधिकारियों ने व्यक्तिगत आवास निर्माण करने वाले करीब एक हजार हितग्राहियों को पीएम आवास की किश्त ही जारी नहीं की। जबकि हितग्राही लगातार परेशान होकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे, वहीं चार माह से पीएम आवास योजना की प्रगति भी नजर नहीं आ रही। इसी से नाराज निगमायुक्त ने प्रधानमंत्री की इस योजना में गड़बड़ी करने वाले ऐसे करीब नौ अधिकािरियों के सात दिन का वेतन राजसात करने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में ट्रांसफर होकर जबलपुर नगर निगम में कमिश्नर पद पर आए आशीष वशिष्ठ की पहली कार्रवाई है।
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बैठक में इस लापरवाही का खुलासा हुआ जिसे देखकर निगम कमिश्नर भी हैरान रह गए, दरअसल निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा बैठक ली। बैठक के दौरान उन्होंने लंबित प्रकरणों की समीक्षा में सामने आया कि निगम स्तर पर बीएलसी घटक अंतर्गत एक हजार हितग्राहियों को किस्त जारी नहीं की गई है। जबकि पिछले चार माह से प्रधानमंत्री आवास योजना में कोई प्रगति परिलक्षित नहीं हुई है। शासन की महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यो में विलंब तो हो ही रहा है प्रदेश स्तर पर शहर की रैंकिंग में भी गिरावट आई है। लाभांवित होने वाले हितग्राहियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा सौंपे गये कर्तव्यों एवं दायित्वों में लापरवाही बरतने पर निगमायुक्त ने नौ अधिकारियों कर्मचारियों को अवैतनिक करते हुए उनका वेतन राजसात करने निर्देश दिए हैं।
जिन अधिकारियों का वेतन राजसात किया गया है उनमें उपयंत्री अशोक वासनिक, सिद्धार्थ दुबे, रोजगार सहायक अनिल विश्वकर्मा, सहायक राजस्व निरीक्षक अंजली रोतिया, संध्या रहंगडाले, खुशबू नारवानी, सोनल परते, रोहित केवट, गीता नेटी शामिल है। कमिश्नर की इस कार्रवाई के बाद से हड़कंप की स्थिति बनी है।