जबलपुर में नसबंदी के बाद पूर्व पार्षद महिला की हालत बिगड़ने से मौत, परिजनों का डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

Jabalpur News : जबलपुर पाटन के वार्ड नंबर 10 से भाजपा की पूर्व पार्षद पिंकी चाढ़र की नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। घटना सोमवार की दोपहर की है जब पिंकी नसबंदी का ऑपरेशन करवाने के लिए पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, जहां अचानक ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में पिंकी को इलाज के लिए जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज लाया गया जहां रात को उसने दम तोड़ दिया। पिंकी की मौत से नाराज परिजन और स्थानीय लोगों ने पाटन स्वास्थ्य केंद्र का घेराव करते हुए शव को सड़क में रखा और चक्का जाम कर दिया। इस दौरान काफी देर तक जबलपुर-दमोह मार्ग पूरी तरह से बंद रहा।

नाराज परिजनों ने किया चक्काजाम

परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही से ही पिंकी की मौत हुई है। करीब 1 घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश देते हुए चक्का जाम खत्म करवाया। पिंकी के भाई का कहना है कि सोमवार को पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी का कैंप लगा हुआ था। करीब 28 महिलाएं नसबंदी करवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, पिंकी भी इसमें शामिल थी। सुबह से भूखी-प्यासी पिंकी का शाम को सबसे अंत में ऑपरेशन जैसे ही किया तभी ऑपरेशन टेबल में ही उसकी हालत बिगड़ गई। टांका लगते ही पिंकी बेहोश हो गई।

ऑपरेशन में बरती गई लापरवाही

घटना के बाद तुरंत ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर बिश्नोई ने पिंकी को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया। जहां आखिरकार उसने दम तोड़ दी। परिजनों का कहना है कि पिंकी के ऑपरेशन में लापरवाही बरती गई है, और जो भी इसमें दोषी डॉक्टर है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम पाटन और थाना पुलिस का अमला मौके पर पहुंच गया। एसडीएम मृगेन्द्र सिंह ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और अगर लापरवाही डॉक्टर की पाई जाती है तो इसमें निश्चित रूप से कार्रवाई भी होगी।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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