जबलपुर/संदीप कुमार
कांग्रेस शासनकाल में सामाजिक न्याय मंत्री रहे लखन घनघोरिया को बंगला खाली करने को लेकर कहीं से भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया को हर हाल में जबलपुर स्थित वन विभाग का सरकारी बंगला खाली करना ही पड़ेगा।
सामाजिक न्याय मंत्री रहते हुए मिला था सरकारी बंगला
जबलपुर पूर्व क्षेत्र से विधायक और कमलनाथ सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री रहे लखन घनघोरिया को जब बंगला मिला था उस समय वह मंत्री पद पर थे। अब जब मंत्री पद ही चला गया तो ऐसे में उन्हें सरकारी बंगला दिए जाने की पात्रता ही नहीं है. लिहाजा उन्हें वन विभाग से मिला बंगला किसी भी कीमत में खाली करना ही होगा।
बंगला खाली करने को लेकर कुछ दिन पहले संभाग आयुक्त को दिया था आवेदन
पूर्व समाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने वन विभाग से मिले नोटिस को लेकर संभाग आयुक्त महेशचंद्र चौधरी से मुलाकात की थी और उन्हें एक आवेदन देकर मांग की थी कि अभी उनसे बंगला खाली ना करवाया जाए। लेकिन अब इसे लेकर संभागायुक्त ने स्पष्ट कर दिया है किसी भी तरह से उन्हें रियायत नही दी जा सकती है। कमिश्नर ने बताया कि पूर्व मंत्री का बंगला खाली कराने को लेकर आवेदन राज्य सरकार को प्रेषित कर दिया गया है, चूँकि आवास आवंटन को लेकर जिला और संभाग को अधिकार नही होता है।
मंत्री रहने तक ही सरकारी बंगले की रहती है पात्रता
संभाग आयुक्त महेश चंद चौधरी ने बताया कि पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया को गृह विभाग से मंत्री रहने तक के लिए सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। क्योंकि वर्तमान में अब वह मंत्री नहीं है तो इस लिहाज से उन्हें बंगला देने का सवाल ही नही उठता है। जिस समय बंगला आवंटित किया जा रहा था उस आदेश में साफ तौर पर इसका जिक्र भी किया गया था। फिलहाल संभाग आयुक्त ने पूर्व मंत्री के आवेदन को राज्य सरकार को भेज दिया गया है।