JABALPUR NEWS : गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाए,बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए,कबीरदास का ये दोहा तो आप सबको याद होगा,जिसमे भले ही गुरु ने अपने शिष्य को खुद से भगवान को श्रेष्ठ बताया हो,लेकिन शास्त्रो में गुरु का स्थान भगवान से पहले माना गया है,क्योकि गुरु अज्ञानता के अँधेरे को दूर कर शिष्य के जीवन में ज्ञान का प्रकाश जो फैलाता है, अपने जीवन मे गुरु रुपी उसी प्रकाश की तलाश में पूर्व मिस वर्ल्ड टूरिज्म रही इशिका तनेजा दिल्ली से जबलपुर पहुंची, जहां उन्होंने द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती से गुरु दीक्षा ली,
मन की शांति के लिए किया फैसला
दीक्षा देकर अपना शिष्य बनाने से पहले शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने पूर्व मिस वर्ल्ड टूरिज्म रही इशिका तजेना के साथ शास्त्रार्थ कर उनकी जिज्ञासाओं को दूर किया,और फिर उसके बाद गुरु मंत्र देकर अपना शिष्य बनाया,भगवा कपड़े पहनकर दीक्षा लेने पहुंची इशिका तजेना ने शंकराचार्य से दीक्षा लेने की वजह बताते हुए कहा कि मैंने अपने लिए बहुत कुछ किया, कई अवार्ड जीते, कई रिकॉर्ड बनाए, लेकिन वो सफर बिल्कुल अलग था क्योंकि उसमे नाम फेम तो था,पर शांति और आत्म संतुष्टि नहीं थी, इसलिए उस सफर को छोड़ अब आध्यात्म के सफ़र पर चलने का सोचा है।
ईशिका ने पकड़ी धर्म की राह
इशिका ने कहा कि इस सफर में जो खुशी मिलती है धर्म और लोगो की सेवा कर,उसकी तुलना किसी और खुशी से नहीं जा सकती है,क्योंकि गुरु शिष्य परम्परा अनादि काल से चली आ रही है,यदि आपको भगवान को पाना है तो उसका जरिया सिर्फ गुरु होता है,क्योंकि न तो बिना गुरु के भगवान मिल सकते है और न ही मनुष्य को जीवन मे बिना गुरु के शांति मिल सकती है, इसलिए जीवन मे गुरु होना बेहद जरूरी है, वहीं लाइम लाइट की दुनिया से अध्यात्म की ओर रुख करने पर इशिका तनेजा ने कहा कि आज युवा अध्यात्म से ज्यादा रील बनाने और ज्यादा से ज्यादा लाइक मिल जाए, इसके लिए भाग रहे है, लेकिन रील लाइक शेयर में नाम कमाने से ज्यादा युवाओं को लोगों की भलाई में नाम कामना चाहिए, ताकि लोग आपको पीढ़ियों तक याद रखें, इसके साथ ही इशिका तनेजा ने कहा की हिंदुत्व को लंबे समय से निशाना बनाया जा रहा है, इसकी वजह संविधान की कुछ समस्याएं है,इसलिए हिंदुओ को जागरूक होने की जरूरत है,ताकि मंदिरों में मिलने वाले दान से बच्चों से गुरुकुल खोले जाए, गौशालाएं बनाई जाए, गरीबों की मदद की जाए।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट