जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना काल में हुए घाटे की भरपाई के लिए रेलवे नये-नये प्रयोग कर रहा है. इसी के तहत पश्चिम मध्य रेलवे ने स्टील से भरी एक मालगाड़ी जबलपुर से बांग्लादेश के लिए रवाना की है। ऐसा पहली बार जब पश्चिम मध्य रेल ज़ोन से कोई ट्रेन बांग्लादेश रवाना हुई हो।
पहली बार किया गया है अंतरराष्ट्रीय निर्यात
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में पहली बार इंटरनेशनल ट्रांसपोर्टेशन शुरू किया गया है। बांग्लादेश के लिए 24 रैक की मालगाड़ी पनागर के रेपुरा स्टील फैक्ट्री से लोड की गई जिसे रेल मंडल के डीआरएम ने हरी झंडी दिखाई। जबलपुर रेल मंडल के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई मालगाड़ी विदेश के लिए रवाना हुई।
आमदनी बढ़ाने के लिए रेल्वे दे रहा है जोर
दरअसल रेलवे इन दिनों अपनी आमदनी बढ़ाने पर जोर दे रहा है। इस वजह से ट्रेन लोडिंग के नियमों को आसान बनाया गया है। बांग्लादेश भेजी गई इस मालगाड़ी से रेलवे मंडल को तकरीबन 45 लाख का किराया मिलेगा। डीआरएम संजय विश्वास ने बताया कि गोसलपुर माल गोदाम से ये रैक लोड किया गया।
इनलैंड वर्ल्ड लॉजिस्टिक्स नाम की कंपनी ने आयरन और स्टील के टावर पार्ट्स सप्लाई किए। पहला रैक बांग्लादेश रेलवे के बेनपोल स्टेशन के लिए रवाना किया गया है। यह मालगाड़ी कटनी-सिंगरौली मार्ग से भारतीय सीमा के अंतिम स्टेशन पेट्रापोल होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करेगी। मालगाड़ी में 24 डिब्बे हैं, इनमें लगभग 1400 टन वजन के आयरन और स्टील टावर लदे हुए हैं। जबलपुर से भेजे गए टावर बांग्लादेश के शहरों में असेंबल करके मोबाइल टावर के रूप में इस्तेमाल किए जाएंगे। ट्रांसपोर्ट कंपनी के अधिकारियों का कहना है यह अभी शुरुआत है। इस तरह रैक आगे भी बांग्लादेश और भारत से सटे अन्य पड़ोसी देशों में भी भेजे जाएंगे।